सोनिया-प्रियंका के हेलीकॉप्टर को उड़ाने से पायलट ने किया इनकार, रायबरेली में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंची थी

लोकसभा चुनाव के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(सप्रंग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंची। रायबरेली में जहां प्रियंका ने लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन की वजह तलाशी, वहीं सोनिया ने रायबरेली सीट पर उन्हें जिताने वाले क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी की 80 सीटों में से सिर्फ एक सीट मिली है वो भी रायबरेली। यहां जनता का धन्यवाद करने करने आईं यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने इशारों-इशारों में ही हमला किया। उन्होंने कहा कि वोट के लिए जनता के सामने प्रपंच रचा गया था। साथ ही सोनिया ने कहा कि सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी मर्यादाओं को ताक पर रखना देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। इससे पहले अमावां ब्लॉक क्षेत्र के दाऊद नगर में काफिले के पहुंचते ही कांग्रेसियों ने सोनिया गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा का भव्य स्वागत किया। इसके बाद काफिला गेस्ट हाउस पहुंचा। उनके स्वागत को लेकर गेस्ट हाउस में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मजमा लगा गया।

वही बुधवार को ही सोनिया और प्रियंका को रायबरेली से वापिस दिल्ली लौटना था लेकिन पायलट ने हेलीकॉप्टर को उड़ाने से इनकार कर दिया। पायलट ने इनकार की वजह खराब मौसम को बताया। अब सोनिया और प्रियंका को रायबरेली भूएमऊ गेस्ट हाउस में ही ठहरना पड़ेगा।

बैठक में कार्यकर्ताओं ने दिखाया गुस्सा

बैठक से पहले ही कांग्रेस के तमाम जिला और शहर अध्यक्षों ने समीक्षा बैठक के इस प्रारूप पर तीखी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। जिला और शहर अध्यक्षों का कहना है कि पूरे चुनाव में उनकी भूमिका शून्य थी। न तो वे प्रत्याशियों के बारे में अपनी राय देने वालों में थे और न ही चुनाव के दौरान तय की जाने वाली रणनीति का हिस्सा। ऐसे में उनसे हार की वजह पूछना बेमानी है। इसमें तो उन लोगों से पूछताछ होनी चाहिए, जिन्होंने टिकट तय कराए, रणनीति बनाई और संगठन को कमजोर रखा।

वही बैठक में कार्यकर्ताओं ने संगठन को मजबूत करने की बात भी कही। वहीं कुछ बड़े नेताओं ने 2022 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि अब कांग्रेस किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगी।