बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है। कभी वह मुख्तार अंसारी का करीबी था। इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलर को निलंबित कर दिया है, साथ ही पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि सोमवार को एक मामले की सुनवाई के लिए उसे झांसी जेल से बागपत जेल में लाया गया था। बागपत जेल में कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बागपत जेल के जेलर को निलंबित कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेल परिसर के अंदर इस तरह की घटना होना एक गंभीर बात है। इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गहन जांच करके सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दे, कभी पूर्वांचल में खौफ और गैंगवार का सबसे बड़ा पर्याय रहा मुन्ना बजरंगी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में जेल में बंद और उस पर दर्जनों मुकदमे हत्या, लूट के दर्ज थे। कुछ दिन पहले ही मुन्ना की पत्नी ने एसटीएफ पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाई थी कि उनके पति की जान को खतरा है। मुन्ना उस समय झांसी जेल में बंद था। प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा ने कहा, "मेरे पति की जान को खतरा है। यूपी एसटीएफ और पुलिस उनका एनकाउंटर करने की फिराक में हैं। झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया। कुछ प्रभावशाली नेता और अधिकारी मुन्ना की हत्या करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।"
17 साल की उम्र की मुन्ना बजरंगी पर दर्ज हुआ था पहला मुकदमा
पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का कुख्यात नाम प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बरजंगी का जन्म 1967 में यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। मुन्ना बजरंगी के पिता पारसनाथ सिंह ने उसे पढ़ाना चाहा, लेकिन उसने 5वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। बताया जाता है कि 15 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे। जौनपुर के सुरेही थाना में 17 साल की उम्र में ही उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मुन्ना बजरंगी अपराध की दुनिया में कुख्यात होता चला गया।