अजीत सिंह हत्याकांड के 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली; शूटर्स ने 25 गोलियों से छलनी किया था शरीर

लखनऊ में हुए अजीत सिंह की हत्या को लेकर पुलिस विभाग की खासी किरकिरी हो रही है। हत्याकांड के 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि शूटर्स हत्याकांड को अंजाम देने के बाद लाल रंग की डस्टर कार से फरार हुए। वारदात की जगह और कमता बस अड्डे पर लाल डस्टर दिखाई दी है। पुलिस की थ्योरी के अनुसार हत्या करने के बाद शूटर्स बाइक पर सवार होकर कमता बस अड्डा पहुंचे। यहां उन्होंने बस अड्डे पर बाइक खड़ी की और लाल डस्टर में सवार हो गए।

शूटर्स को बिठाकर लाल डस्टर शहीद पथ पर चढ़ी। अब लखनऊ पुलिस लाल डस्टर कार की तलाश में जुटी हुई है। डीजीपी एचसी अवस्थी ने हत्याकांड को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सीओ स्तर के अधिकारियों को इसकी समीक्षा कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहीं फ़रार आरोपियों की कुर्की के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गिरफ्तार आरोपियों पर रासुका और गैंगस्टर एक्‍ट लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही गैंग मेंबर्स के शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त कराने का कहा गया है। उनके खिलाफ विवाद, रंजिश को मोहल्ला विवाद रजिस्टर में दर्ज करने के निर्देश दिए गए है।

वहीं, हत्याकांड में मारे गए अजीत सिंह के बारे में पता चला है कि उसे शूटर्स ने 25 गोलियां मारीं। शव पर सिर से लेकर पैर तक गोलियों के निशान हैं। इसमें भी 21 गोलियां शरीर से आर-पार हो गईं। वहीं 4 गोलियां पेट और सीने में मिली हैं।

बता दें पुलिस हत्या को अंजाम देने वाले गिरधारी उर्फ डॉक्टर की तलाश में जुटी है। गिरधारी उर्फ डॉक्टर वाराणसी का एक लाख का इनामी बदमाश है।

जांच में लगाई गई 5 टीमें

इससे पहले घटना पर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले के खुलासे के लिए 5 टीमें लगाई गई हैं। मऊ, आजमगढ़ और पूर्वांचल के जिलों में भेजी गई हैं। सर्विलांस पर भी काम किया जा रहा है।

इन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा और तीन अज्ञात पर एफआईआर दर्ज हुई है। एक हत्या के मामले में गवाही से रोकने के लिए अजीत की हत्या हुई है। दरअसल, अजीत सिंह पूर्व विधायक शिबू सिंह हत्याकांड का गवाह भी था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। बताया जा रहा है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में अजीत सिंह सीबीआई के समक्ष अपना बयान देने वाला था। इससे पहले भी उसकी गवाही सीबीआई के समक्ष हुई थी।

बता दे, कुंटू सिंह गैंग मुख्तार अंसारी के समानांतर पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में क्राइम सिंडिकेट ऑपरेट करता रहा है। वहीं, एक दूसरी नैरेटिव के तहत यह कहा जा रहा है कि मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह ने पिछले चुनाव में अपने नजदीकी उम्मीदवार को खड़ा कर ब्लॉक प्रमुख की सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। वही, कुंटू सिंह की भी नजर इस सीट पर थी और वह अपने खास को इस सीट से ब्लॉक प्रमुख बनवाना चाहता था। अजीत सिंह के इस सीट पर काबिज होने के बाद कुंटू सिंह को यह बात खटकने लगी।

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि शूटर्स जहां रुके थे, उसकी जानकारी पुलिस को मिल गई है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। 2 साजिशकर्ता कुंटू सिंह और अखंड प्रताप सिंह फिलहाल जेल में ही बंद हैं। मामले में जिस पुलिसकर्मी की लापरवाही मिलेगी, उस पर भी कार्रवाई होगी। मृतक और आरोपी दोनों ही जरायम की दुनिया से संबंध रखते हैं।

इसके साथ ही अजीत सिंह के हत्या की टाइमिंग को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस के लिए यह केस इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वांचल में जुर्म और जरायम का कॉकटेल की पुरानी रवायत रही है और ऐसे में फिर से गैंग वॉर जैसे हालात पैदा होने के आसार जताए जा रहे है।