कानपुर शूटआउट / जांच में खुलासा, विकास दुबे के संपर्क में थे 3 पुलिसवाले, दी थी रेड की खबर, सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे चौथे दिन भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस की 100 टीमें उसे ढूंढने में लगाई गई हैं। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। विकास दुबे की संपत्ति और बैंक खातों पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है। वहीं, कानपुर शूटआउट में अहम खुलासा हुआ है। बदमाश विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर पुलिस थाने के 2 दारोगा और एक सिपाही थे। इनकी कॉल डिटेल से खुलासा हुआ है। इसके बाद दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा समेत सिपाही राजीव को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू हो गई है।

गौरतलब है कि कल यानी रविवार को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था। उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर गोली चलाई थी। दयाशंकर ने बताया था कि रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी, जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाया था। यह सभी लोग हथियारों से लैस थे। इस खुलासे के बाद पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों की तलाश शुरू कर दी थी, जो विकास दुबे के संपर्क में थे। चौबेपुर पुलिस थाने के सभी पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल खंगाले गए। कॉल डिटेल खंगालने के दौरान खुलासा हुआ कि चौबपुर के 3 पुलिसकर्मी विकास दुबे के संपर्क में थे।

इसके बाद एसएसपी ने आरोपी दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा के साथ कॉन्स्टेबल राजीव को सस्पेंड कर दिया है और इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इस शूटआउट के बाद से ही चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मियों की विकास दुबे से मिलीभगत की जानकारी सामने आई थी।

पत्नी के मोबाइल से कनेक्ट रहता था गांव का सीसीटीवी कैमरा

वहीं, पुलिस की जांच में विकास के परिवार के सदस्यों के चेहरे भी बेनकाब होने लगे हैं। पुलिस की रडार पर आई विकास की पत्नी ऋचा के बारे में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जांच में सामने आया है कि ऋचा के मोबाइल से गांव का सीसीटीवी कनेक्ट रहता था। जब भी पुलिस विकास को पकड़ती थी, वह क्लिप को सोशल मीडिया पर वायरल कर देती, ताकि पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके। यही नहीं, वह मोबाइल पर वहां की एक्टिविटी भी देखा करती थी। पुलिस ने ऋचा का मोबाइल जब्त कर लिया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि विकास की पत्नी ऋचा जिला पंचायत सदस्य है। उसे विकास के हर अच्छे-बुरे कामों की जानकारी रहती थी। यही वजह है कि वह क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद लखनऊ आवास पर बच्चों के साथ रहती थी। वह नहीं चाहती थी कि विकास के गलत कामों का नतीजा उसके बच्चे या वह खुद भुगते।