बसपा मुखिया मायावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विपक्ष पर जातीय दंगा भड़काने का आरोप लगाने पर पलटवार किया है। मायावती ने कि हाथरस कांड की आड़ में प्रदेश के विकास को प्रभावित करने के जातीय व साम्प्रदायिक दंगा भड़कानेे की साजिश का विपक्ष पर लगाया गया योगी आदित्यनाथ सरकार का आरोप सही है या चुनावी चाल, यह तो समय बताएगा। इस समय यूपी सरकार हाथरस कांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने पर ध्यान केंद्रित करे तो बेहतर रहेगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि वैसे हाथरस कांड में पीड़िता और उसके परिवार के साथ जिस प्रकार का गलत व अमानवीय व्यवहार किया गया उससे देश भर में काफी रोष व आक्रोश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास समय है कि अब भी गलती सुधारें। वह अब पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए गंभीर हो वरना प्रदेश में इस तरह की जघन्य घटनाओं को रोक पाना बेहद मुश्किल होगा।
क्या कहा योगी आदित्यनाथ ने?बता दे, सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर प्रदेश में जातीय दंगा कराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। यूपी सीएम ने कहा कि इसमें विदेशी फंडिंग भी शामिल है, जिसका खुलासा हुआ है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी लोगों को दंगाग्रस्त यूपी चाहिए था, उनकी कोशिशें सफल नहीं हो रही हैं इसलिए हर कोई षडयंत्र रच रहा है। बीजेपी सरकार में सबको सुरक्षा और सबको सम्मान दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास हर द्वार तक पहुचाएंगे, लेकिन अराजकता की छूट किसी को नहीं मिलेगी और जो भी ऐसा करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। यूपी सीएम बोले कि हमारे लिए देश सर्वोपरि है, लेकिन विरोधी षडयंत्र रचने में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश में विदेशी फंडिंग के माध्यम से जातीय दंगों की साजिश रची हुई थी। एक हफ्ते में यही हो रहा है और माहौल बिगाड़ा जा रहा है।
बनाई गई 'जस्टिस फॉर हाथरस' वेबसाइट बता दे, पुलिस का दावा है कि हाथरस घटना के बाद रातों-रात एक वेबसाइट 'जस्टिस फॉर हाथरस' (Justice For Hathras) बनाई गई। वेबसाइट पर स्क्रीनशॉट में ब्रेकिंग न्यूज लिखकर मुख्यमंत्री योगी के गलत बयान प्रसारित किए गए, ताकि माहौल बिगड़े। इंटेलीजेंस से मिले इनपुट के आधार पर रविवार रात पुलिस ने वेबसाइट और इससे जुड़ी लोकेशन पर छापेमारी की। लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में केस भी दर्ज कराया गया। वेबसाइट पर स्क्रीनशॉट में ब्रेकिंग न्यूज लिखकर मुख्यमंत्री की फोटो के साथ बाकायदा उनका फर्जी बयान जारी किया गया। ये स्क्रीनशॉट वॉट्सऐप समेत अन्य सोशल मीडिया के अकाउंट पर शनिवार को तेजी से वायरल किए गए।