15 में से 5 मांगें मानी मोदी सरकार ने, किसानों ने खत्म किया प्रदर्शन

अपनी मांगों को लेकर यूपी के सहारनपुर से दिल्ली पहुंचे हजारों किसानों की मोदी सरकार ने 5 मांगें मान ली है। इसके साथ ही किसानों ने अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया है। दिल्ली आए किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में जाकर कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बातें रखीं। इसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। बता दे, किसानों की 15 मांगे थी जिनमें से 5 मोदी सरकार ने मान ली है।

बता दें कि किसानों को दिल्ली में घुसते ही बॉर्डर पर रोक लिया गया था। किसान सैकड़ों की तादाद में दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठ गए थे। उनकी मांगें थी कि सरकार उनसे बात करे या फिर उन्हें दिल्ली के किसान घाट जाने दिया जाए। इसके बाद किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली पुलिस की गाड़ी में कृषि मंत्रालय ले जाया गया और जहां उन्होंने अपनी मांगें रखीं।

बता दें कि किसान मार्च के चलते शनिवार को दिल्ली के कई मार्गों पर भारी जाम भी देखने को मिला। दिल्ली के आईटीओ से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग को किसान रैली के कारण दोनों तरफ से यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर के यूपी गेट से निजामुद्दीन आने वाले मार्ग पर यातायात बाधित हुआ।

किसान संगठनों की ये थीं प्रमुख मांगें-

- कम रेट पर मिले बिजली

- गन्ने की पेमेंट ब्याज सहित हो

- गोवंश की देखभाल का भत्ता बढ़ाया जाए

- किसान पेंशन शुरू हो, 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये महीना पेंशन मिले

- किसान और मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मुफ्त

- किसान दुर्घटना बीमा

- स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो

- किसान कर्जमाफी

- समस्त दूषित नदियों को प्रदूषण मुक्त कराया जाए

- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो

- खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए

सरकार के अधिकारियों से बातचीत के बाद किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार ने उनकी 5 मांगें मान ली हैं।