एंबुलेंस नहीं मिली तो कार की छत पर पिता का शव बांध श्‍मशान घाट पहुंचा बेटा, ये देख लोगों के फूट पड़े आंसू

उत्तर प्रदेश के आगरा में अस्‍पताल और ऑक्‍सीजन की कमी का संकट तो बना हुआ है लेकिन एंबुलेंस की कमी भी लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन गई है। कोरोना से मौतों के बढ़ते सिलसिले के बाद श्‍मशान घाटों पर भी अंतिम संस्‍कार के लिए लोगों को कई घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। इस बीच शहर से सामने आई एक तस्वीर ने लोगों को भावुक कर दिया। दरअसल, पिता की मौत के बाद शव को श्‍मशान घाट ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो बेटा शव को अपनी कार की छत पर बांध श्‍मशान घाट पहुंच गया। इस घटना को देख श्‍मशान घाट में मौजूद लोग भी भावुक हो गए।

कोरोना की वजह से बढ़ती मौतों के बीच श्‍मशान घाटों पर भी कई घंटे की वेटिंग चल रही है। जबकि पिता का शव कार की छत पर बांध श्‍मशान पहुंचने वाले बेटे को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा। यही नहीं, जब कुछ घंटे बाद शव के अंतिम संस्‍कार का समय आया तो बेटे ने पिता के शव को कार की छत से उतार कर प्रक्रिया पूरी की। यह देख वहां मौजूद लोगों के आंसू फूट पड़े। बता दें कि आगरा यूपी के उन शहरों में शामिल है, जहां कोरोना संक्रमण न सिर्फ बेकाबू हो चला है बल्कि लोगों की जान भी लगातार ले रहा है।

पूरे प्रदेश में हालात बेहद खराब

बता दे, पूरे प्रदेश में कोरोना में मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। रविवार को राज्य में 35 हजार 311 लोग संक्रमित पाए गए। 25 हजार 633 लोग रिकवर हुए और 206 लोगों की मौत हो गई। अब तक राज्य में 10 लाख 86 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 7 लाख 77 हजार ठीक हो चुके हैं, जबकि 11 हजार 165 मरीजों ने दम तोड़ दिया। 2 लाख 97 हजार का इलाज चल रहा है। ऐसे में नीति आयोग ने चिंता जाहिर कर हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर प्रदेश में संक्रमण के मामले महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ सकते है। नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य व कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष वीके पॉल की अगुवाई वाले पैनल ने अनुमान लगाया है कि बड़ी आबादी वाले राज्य ज्यादा जोखिम में हैं। आयोग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इन राज्यों में सेहत से जुड़ा बुनियादी ढांचा मौजूदा गंभीर हालात से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। निति आयोग का अनुमान है कि 30 अप्रैल के बाद प्रदेश में प्रतिदिन 1 लाख 19 हजार 604 नए मामले सामने आ सकते हैं। अगर ऐसी स्थिति आती है तो इसके लिए प्रदेश में रोजाना 16 हजार 752 ऑक्सीजन और 3081 आईसीयू बेड की आवश्यकत होगी।