अमेरिका : भारत से है जो बाइडन का गहरा रिश्ता, मुंबई में रहता है बिछड़ा हुआ परिवार

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के तीन दिनों के बाद भी यह स्पष्ट तौर पर साफ नहीं हो सका कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और जो बाइडन (Joe Biden) में से नया राष्ट्रपति कौन बनेगा। अब तक डेमोक्रेटिक कैंडिडेट जो बाइडन ने 264 इलेक्टोरल वोट हासिल कर लिए हैं, जो बहुमत के आंकड़े 270 से सिर्फ 6 वोट कम है। ट्रंप के 214 वोट हैं। हालांकि, अभी कुछ राज्यों में काउंटिंग जारी है। हालाकि, पूरी संभावनाएं हैं कि बाइडन ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस में अगले 4 साल नज़र आएं। बाइडन काफी सीनियर डिप्लोमेट रहे हैं और साल 1972 में पहली बार वे सीनेटर चुने गए थे। हालांकि आपको बता दें कि बाइडन का एक इंडियन कनेक्शन भी है और इसका खुलासा कुछ सालों पहले उन्होंने खुद ही किया था।

बता दें कि डेमोक्रेटिक उम्‍मीदवार बाइडन वर्ष 2013 में बतौर उपराष्ट्रपति भारत आए थे। तब उन्होंने मुंबई में एक भाषण के दौरान अपनी भारतीय कनेक्‍शन को उजागर किया था। बाइडन कहा था कि वर्ष 1972 में जब वह पहली बार सीनेट के सदस्य बने थे तो उन्हें मुंबई में रह रहे एक बाइडन का पत्र मिला था। बता दे, जो बाइडन अब तक वह छह बार सीनेटर रह चुके हैं। बाइडन ने बराक ओबामा के राष्‍ट्रपति रहते अमेरिका के 47वें उप राष्‍ट्रपति का पद संभाला था। इस चुनाव में उन्‍होंने ओबाम को पॉपुलर वोट में रिकॉर्ड मतों से पीछे छोड़ दिया था। जो बाइडन अमेरिका के इतिहास में पांचवें सबसे युवा सीनेटर थे। यदि वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। उनकी उम्र 78 साल है। जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। बाइडन का जन्‍म अमरिका के पेंसिलवेनिया राज्‍य के स्‍कैंटन में हुआ था, बाद में वह डेलवेयर चले गए थे।

मुंबई वाले बाइडन ने उन्हें बताया कि दोनों के पूर्वज एक ही हैं। इस पत्र में उन्हें जानकारी दी गई थी कि उनके पूर्वज 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। बाइडन ने अफसोस भी जताया कि इस बारे में वह विस्तार से पता नहीं लगा सके। बता दें कि वर्ष 2015 में उन्‍होंने वाशिंगटन में इंडो-यूएस फोरम की बैठक में फिर उन्होंने अपने इंडियन कनेक्शन का जिक्र किया था। उन्‍होंने बताया कि संभवत: उनके पूर्वज ने एक भारतीय महिला से शादी की थी, जिसके परिवार के लोग अभी भी वहां हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई में तब बाइडन सरनेम के पांच लोग थे जिसके बारे में एक पत्रकार ने उन्हें जानकारी दी थी। तब बाइडन ने यह चुटकी भी ली थी कि वह भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं।

कार हादसे में मारी गयीं पत्नी और बेटी

बाइडन के फैमली जीवन का इतिहास काफी कष्‍टप्रद है। वर्ष 1972 में एक कार दुर्घटना में बाइडन की पहली पत्‍नी और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई थी। वह इस कष्‍ट से उबर नहीं पाए थे कि 2015 में बेटे की ब्रेन कैंसर निधन हो गया। इन घटनाओं का उनके जीवन को पूरी तरह से झकझोर दिया। इसका प्रभाव उनके जीवन और सोच पर भी पड़ा। यही वजह रही कि राष्‍ट्रपति चुनाव में बाइडन ने स्‍वास्‍थ्‍य योजनाओं को खास प्राथमिकता दिया है। उन्‍होंने इसे चुनावी एजेंडा बनाया। इसे उनके परिवार में एक के बाद एक दुर्घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है।