सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकारी बंगले में तोड़फोड़ को लेकर छिड़ी बहस के बाद बुधवार को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की, जहां वह टोटी लेकर पहुंच गए। ये देखकर सभी हैरान रह गए। अखिलेश ने कहा कि जो टोटी गायब मिली है वही लौटाने आए हैं। मैं सारी टोटियां देने को तैयार हूं। ये टोटी बीजेपी को देना चाहता हूं ताकि उनकी नफरत कम हो। उन्होंने कहा कि 'मैंने अपनी पसंद से बंगला बनवाया था। बंगले में कुछ चीजें मेरी थी जिसे मैं अपने साथ ले गया हूं।' स्वीमिंग पूल के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे बंगले में स्वीमिंग पूल था ही नहीं, कमरे में वूडन फ्लोरिंग पहले जैसी ही है। सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि लोग जलन में अंधे हो गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया के पहुंचने से पहले सीएम के ओएसडी अभिषेक और आईएएस मृत्युंजय नारायण पहुंचे थे। आरएसए, पीडब्ल्यूडी की टीएम वहां गई थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कल को हमारी सरकार बनी तो हो सकता है कि यही अफसर ये दिखा दें कि यहां बंगले में चिलम मिला है। स्टेडियम था तो मेरा था, स्टील स्ट्रक्चर इसीलिए बनाया था कि कल को कहीं जाना पड़े तो मैं हटा सकूं।
अखिलेश ने कहा कि लोग प्यार में अंधे होते हैं लेकिन गुस्से और जलन में में कितने अंधे होते हैं, वो अब मैंने देखा है। जिन्हें नफरत होती है वे ही ऐसा करते हैं। जो सामान मेरा था वही मैं लेकर गया। उन्होंने मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कम से कम जो सही था वो तो दिखाते। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे तो सरकार की रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे पता चले कि मैंने सराकरी संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचाया है।
सरकार के इशारे पर तोड़फोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा घर मुझे मिला था, जो भी सरकार ने मुहैया कराया था, वो सब यथावत मौजूद है। मेरे घर में पिछले सवा साल में एक हजार बच्चे आए होंगे। उन सबसे पूछो कि कहां है स्वीमिंग पूल। जो स्वीमिंग पूल है ही नहीं, उस पर खबर बना दी गई कि पूल पर मिट्टी डाल दी गई।