उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की चाची का हुआ अंतिम संस्कार, चाचा ने दी मुखाग्नि

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार आज शुक्लागंज गंगाघाट कोतवाली इलाके के बालूघाट में किया गया। पूरा परिवार गंगाघाट पर मौजूद रहा। पीड़िता के चाचा ने मुखाग्नि दी। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की चाची का शव बुधवार को पुलिस गांव लेकर पहुंची। इसके बाद शव को शुक्लागंज गंगाघाट ले जाया गया। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता की चाची के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए चाचा को 18 घंटे की पेरोल मिली है। पुलिस रायबरेली जेल से चाचा को लेकर सीधे शुक्लागंज के गंगाघाट पहुंचे। पीड़िता के वकील भी गंगाघाट पहुंचे।

हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही पुलिस ने मंगलवार देर शाम बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा। गांव के साथ गंगाघाट तक पुलिस का पहरा रहेगा। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को हाईकोर्ट से एक दिन के पैरोल की स्वीकृति हुई है।

बता दें कि, चाचा को पैरोल न मिलने से चाची के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार को भी नहीं हो पाया था। रविवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता अपनी मौसी और चाची के साथ अपने चाचा से मिलने जा रही थी तभी रायबरेली में हुई एक सड़क दुर्घटना में चाची और मौसी की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से गैंगरेप पीड़िता और उनके वकील वेंटीलेटर पर हैं। लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक, 19 वर्षीया रेप पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है। मंगलवार रात उसकी हालत को ‘स्थिर’ बताया गया। वकील भी वेंटिलेटर पर हैं। पुलिस ने जद्दोजहद के बाद दोनों शवों का लखनऊ में पोस्टमार्टम तो करा दिया, लेकिन अंतिम संस्कार करने के लिए घर में कोई पुरुष के न होने से रायबरेली जेल में बंद उसके पति महेश (किशोरी के चाचा) ने डीएम से पैरोल मांगी थी।

विचाराधीन बंदी होने से डीएम ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताया था। इसके बाद चाचा के अधिवक्ता अजेंद्र अवस्थी ने लखनऊ हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। मंगलवार को पैरोल मिलने की संभावना से सुबह से ही गांव के लोग शव आने का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार सुबह ही पीड़िता की नानी व मामा उसके घर पहुंच गए थे। घर पर भारी फोर्स देख नानी और मामा असहज रहे।

आपको बता दें कि यूपी पुलिस ने दुर्घटना मामले में सोमवार को सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। उत्तरप्रदेश के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।

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वही पीड़िता की मां का कहना है कि 2 हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास ये चिट्ठी पहुंची ही नहीं थी। वही इस बात की खबर जब रंजन गोगोई को लगी तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि वह बताएं कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता द्वारा भेजे गए पत्र (12 जुलाई को) को अदालत के सामने क्यों नहीं रखा गया। आखिर क्यों पत्र को उनके समक्ष रखने में देरी हुई। खफा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम यहां पर इस तरह के माहौल के बीच भी सही व्यवस्था को स्थापित करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर इस तरह की बातें निकल कर सामने आती हैं। बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद दुष्कर्म पीड़िता का एक पत्र चर्चा में आ गया है। यह पत्र उसने 12 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा था।