ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर अमेरिका ने सीरिया पर दागी मिसाइलें

सीरिया में केमिकल हमले के जवाब में मिसाइल हमले शुरू हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर मिसाइल हमले का आदेश दिया है। इस कार्रवाई में अमेरिका के साथ फ्रांस और ब्रिटेन भी शामिल है। सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास धमाकों की आवाजें सुनाई दी हैं। अमेरिका द्वारा किए गए ये हवाई हमले इस साल के दूसरे सबसे बड़े हवाई हमले हैं। जिसके बाद सीरिया की राजधानी दमिश्क में तेज धमाकों के साथ धूल और धूंए के गुबार देखे जा रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया की असद सरकार को निशाना बनाने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस को साथ लाकर एक संयुक्त अभियान शुरू किया है। सीरिया की राजधानी दमिश्क पर आज कम से कम छह धमाकों को अंजाम दिया गया जिससे राजधानी दहल गयी। सीरिया के सरकारी टीवी ने कहा वायु सेना अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के हमलों का मुकाबला कर रही है। प्रत्यक्षदर्शी रायटर को कहा कि दमिश्क में कम से कम छह जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई दी जिससे राजधानी दहल गयी। धमाकों के बाद कई जगह पर गहरा काला धुआं भी उठता देखा गया। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा दमिश्क के बरजाह जिले में हमले हुए है। सीरिया के बड़े वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र बरजाह में ही स्थित हैं।

सैन्य कार्रवाई चिढ़ा रूस


अमेरिका की इस हवाई हमलों की कार्रवाई की निंदा करते हुए रुस ने इसे राष्ट्रपति पुतिन का अपमान बताया है साथ ही इसको बर्दाश्त न करने की बात भी कही है।

ट्रंप का टीवी पर राष्ट्र को संबोधित

दूसरी तरफ ट्रंप ने टीवी पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सीरिया की असद सरकार अपने ही लोगों पर रासायनिक हथियारों का प्रयोग कर रही है। जिसके खिलाफ अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस को साथ लेकर ये हवाई हमलों की कार्रवाई की है। साथ ही उन्होंने कहा कि, सीरिया में कथित रासायनकि हमलों की घटनाओं में वृद्धी हुई है।

ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, ‘कुछ समय पहले हमने सीरिया में अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं को रासायनिक हथियारों वाले ठिकानों पर हमले करने के आदेश दिए थे’। साथ ही उन्होंने बताया कि फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओँ के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चला रहे हैं। जिसके लिए हम दोनों देशों का आभार जताते हैं। ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति असद पर हमलावर होते हुए कहा, अपने ही लोगों पर रासायनिक हमले करना ये हरकत किसी इंसान की नहीं हो सकती। ये एक शैतान की हरकत है जो इंसानियत के खिलाफ की गई है। जिसके लिए हमने रात में हवाई हमले किए हैं जिसके पीछे हमारा उद्देश्य रासायनिक हथियारों के निर्माण और प्रयोग करनेवालों को एक चेतावनी देना है। साथ ही रसायनिक हथियारों के प्रयोग और निर्माण दोनों को ही रोकना हमारी प्राथमिकता है।

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते सीरिया के डूमा में केमिकल हमला हुआ था जिसकी चपेट में 500 लोग आ गए थे। ट्रंप ने इस हमले का आरोप सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद पर लगाया था। वहीं ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे ने भी सीरिया पर हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारे पास शक्ति प्रयोग के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि इस हमले का मकसद सत्ता परिवर्तन नहीं है।