उज्ज्वला योजना 2.0 : गैस कनेक्शन के लिए अब एड्रेस प्रूफ जरूरी नहीं, सेल्फ डिक्लेरेशन ही काफी; PM मोदी का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उज्ज्वला 2.0 योजना की शुरुआत की। योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 1000 महिलाओं को नए LPG कनेक्शन देकर की गई। 2021-22 वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 1 करोड़ LPG कनेक्शन बांटने के लिए अलग से फंड जारी किया गया है। यह कनेक्शन कम आय वाले उन परिवारों को दिए जाएंगे, जो उज्ज्वला योजना के पहले चरण में शामिल नहीं हो सके थे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य व दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे। इस बार इस योजना में सरकार फ्री LPG कनेक्शन के साथ-साथ भरा हुआ सिलेंडर भी फ्री में देगी।

बिना एड्रेस प्रूफ के मिलेगा कनेक्शन

PM नरेंद्र मोदी ने बताया कि अब उज्ज्वला 2.0 का लाभ लेने के लिए प्रवासियों को राशन कार्ड और एड्रेस प्रूफ जमा करने की जरूरत नहीं होगी। जरूरतमंद परिवार अब खुद के द्वारा सत्यापित आवेदन देकर भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

PM मोदी ने पुरानी लाभार्थियों से की बात

कार्यक्रम के दौरान PM नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की पुरानी लाभार्थी महिलाओं से बात कर जाना कि उन्हें योजना का लाभ लेने में परेशानी तो नहीं हुई। इसके अलावा उनके सिलेंडर की रिफिलिंग हुई या नहीं, इसकी भी जानकारी ली।

3 करोड़ गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला


इस अवसर पर PM मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 2 करोड़ से अधिक गरीबों के पक्के घर बने हैं। इन घरों में अधिकतर मालिकाना हक महिलाओं का है। वहीं सौभाग्य योजना के जरिए करीब 3 करोड़ गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया है।

उन्होने कहा, 'घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी कई जरूरी आवश्यकताओं के लिए देशवासियों को लंबा इंतजार करना पड़ा है, जो दुखद है। हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी। इसलिए बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है।'

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को कुल एक करोड़ 47 लाख 43 हजार 862 एलपीजी कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराए गए हैं।

उज्ज्वला योजना के पहले चरण में छूटे हुए और योजना के दायरे में नहीं आने वाले गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में लाभ मिलेगा। एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में इस योजना का दायरा बढ़ाया गया और इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधानमंत्री आवास योजना, अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों और अति पिछड़ा वर्ग समेत सात श्रेणियों की महिलाओं को भी शामिल किया गया। साथ ही एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य को आठ करोड़ तक बढ़ाया गया जिसे निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में हासिल कर लिया गया।

उज्जवला योजना में आवेदन करने के लिए जरूरी पात्रता

- आवेदक एक महिला होनी चाहिए।
- महिला की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- महिला BPL परिवार से होनी चाहिए।
- महिला के पास बीपीएल कार्ड तथा राशन कार्ड होना चाहिए।
- आवेदक के परिवार के किसी सदस्य के नाम पर LPG कनेक्शन नहीं होना चाहिए।

कैसे कर सकते हैं आवेदन

- योजना का लाभ लेने के लिए आपको pmuy.gov.in/ujjwala2.html अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- यहां आपके सामने एक डाउनलोड फॉर्म का ऑप्शन दिखाई देगा।
- यहां इस फॉर्म को डाउनलोड़ करने के बाद फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी को भर दें।
- इस फॉर्म को अब आपको एलपीजी केंद्र पर जमा कराना होगा।
- साथ ही इससे संबंधित दस्तावेजों को भी वहां जमा करा दें।
- इसके बाद डॉक्यूमेंट्स के वेरिफाई होने के बाद आपको LPG कनेक्शन मिल जाएगा।

उज्ज्वला 2.0 से जुड़ी कुछ अहम बातें

- योजना के तहत लाभार्थियों को मुफ्त LPG कनेक्शन मिलेगा।
- पहली बार भरा हुआ सिलेंडर फ्री रहेगा।
- कागजी कार्रवाई बहुत कम रहेगी।
- योजना का लाभ लेने के लिए प्रवासियों को राशन कार्ड और एड्रेस प्रूफ जमा करने की जरूरत नहीं होगी।

2016 में हुई थी योजना की शुरुआत

उज्ज्वला योजना 1.0 का शुभारंभ 2016 में किया गया था। इसके तहत 5 करोड़ गरीब परिवार की महिलाओं को गैस कनेक्शन बांटने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद 2018 में इस योजना को आगे बढ़ाते हुए सात और कैटेगरी की महिलाओं को इसका लाभ देना शुरू किया गया था। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अंत्योदय अन्न योजना, अति पिछड़ा वर्ग, चाय बगान वर्कर, वनवासी और द्वीपों में रहने वाले लोगों को भी शामिल कर लिया था।