गोवा में सियासी उथल-पुथल से कांग्रेस को लगा झटका, भाजपा में शामिल हुए दो विधायक

गोवा में इस समय सियासी हलचल काफी तेज हैं। मुख्यमंत्री मनोहर परिकर हाल ही में दिल्ली एम्स से छुट्टी मिलने के बाद राज्य वापस पहुंच गए हैं। एम्स में उनका अग्नाश्य संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था। गोवा में इस समय हुई राजनीतिक उथल-पुथल में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। गोवा के दो कांग्रेसी विधायक दयानंद सोपते और सुभाष शिरोडकर सोमवार आधी रात को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे और मंगलवार को उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और भाजपा में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि एम्स में इलाज करा रहे सीएम पर्रिकर को अभी रविवार को ही गोवा लाया गया है। कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले एक विधायक ने यह भी दावा किया है कि दूसरे कांग्रेस विधायक भी उनके संपर्क में हैं।

जानकारी के अनुसार, दोनों विधायक मंगलवार सुबह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे। शाह के आवास पर हुई बैठक में दोनों विधायकों के अवाला गोवा बीजेपी के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर और मंत्री विनायक राणे भी बैठक में मौजूद थे। सूत्रों का दावा है कि सत्ताधारी बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने के लिए अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहती है। इसमें पर्रिकर के उत्तराधिकारी बनने के इच्छुक विश्वजीत राणे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

गोवा विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने कहा, 'मुझे कांग्रेस के दो विधायकों दयानंद सोपते और सुभाष शिरोडकर का इस्तीफा मिला है। उन्होंने स्वीकार किया है कि वह किसी दबाव में नहीं बल्कि अपनी इच्छा से ऐसा कर रहे हैं। मैंने इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। प्रक्रिया पूरी हो गई है। विधानसभा सदस्यों को इसकी कॉपी भेज दी जाएंगी।' भाजपा में शामिल होने के बाद विधायकों ने कहा कि हम आज भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हमें उम्मीद है कि 2-3 विधायक और आएंगे, आज नहीं लेकिन आने वाले दिनों में।

सूत्रों के अनुसार, दयानंद सोपटे को बीजेपी मोपा योजना और विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष जैसा मलाईदार पद देने की पेशकश कर सकती है, जबकि शिरोडकर को गोवा पर्यटन विकास निगम में जगह मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। इससे पहले गोवा कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सोमवार को यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि ‘कोई गलत हथकंडा अपनाकर’ राज्य विधानसभा भंग नहीं हो। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रमुख गिरीश चोडणकर ने अपने ज्ञापन में कोविंद को इस बात से अवगत कराया था। ज्ञापने में उन्होंने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बारे में राज्यपाल मृदुला सिन्हा को कई बार जानकारी दी है।

भंग नहीं की जाएगी विधानसभा: बीजेपी

इस पर गोवा बीजेपी के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने यह साफ किया था कि मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। विधानसभा भी भंग नहीं की जाएगी। उधर सत्ताधारी गठबंधन में शामिल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने सोमवार को कहा कि मौजूदा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे, यह सुनिश्चित करना बीजेपी आलाकमान की जिम्मेदारी है। जीएफपी के अध्यक्ष और नगर नियोजन मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद पर मनोहर पर्रिकर रहें या नहीं रहें, राज्य सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करना चाहिए।’ सरदेसाई ने यह बयान ऐसे समय में दिया था, जब रविवार को पर्रिकर (62) को नई दिल्ली से गोवा लाया गया।

इसी बीच गोवा में कांग्रेस के पर्यवेक्षक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ए. चेल्लाकुमार ने दावा किया है कि गोवा की बीजेपी सरकार में मंत्री विश्वजीत राणे अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन को तोड़कर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। बहरहाल, राणे ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। चेल्लाकुमार ने दावा किया कि दो महीने पहले तक राणे इस मुद्दे पर उनके संपर्क में थे। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राणे वालपोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और सत्ताधारी बीजेपी में शामिल हो गए।


कांग्रेस नेता के इन दावों को खारिज करते हुए राणे ने कहा कि चेल्लाकुमार ‘हताश इंसान’ हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी के लोगों को एकजुट नहीं रख पा रहे। बीजेपी नेता राणे ने कहा, ‘मेरा उनसे (चेल्लाकुमार से) कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने (कांग्रेस ने) तो सुप्रीम कोर्ट तक में मेरे खिलाफ (अयोग्यता का) केस कर रखा है। मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है और मैंने कभी उनसे संपर्क नहीं किया। हालांकि, उन्होंने मुझसे संपर्क की कोशिश जरूर की।’

बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के लंबे समय से अस्वस्थ होने की वजह से गोवा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। पर्रिकर के निजी आवास पर गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। गोवा की 40 सदस्यों वाली विधानसभा में पर्रिकर सरकार को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें बीजेपी के 14, जीएफपी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायक हैं जबकि तीन विधायक निर्दलीय भी हैं। गोवा में 16 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है।