चिपलुन में बन रहे सबसे लंबे मुंबई-गोवा हाईवे के दो गर्डर टूटे, आसपास के इलाकों में फैली दहशत

मुम्बई। महाराष्ट्र के कोंकण में मुंबई-गोवा हाईवे पर चिपलुन में बन रहे सबसे लंबे फ्लाईओवर का काम ने तेजी पकड़ी ही थी कि सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे, इस फ्लाईओवर के बीच में स्थित दो गर्डर अचानक टूट गए। इनके टूटने पर जोरदार आवाज हुई। फ्लाईओवर के गर्डर टूटने की वजह से आसपास के एरिया के लोग डरे हुए हैं। नेशनल हाइवे डिपार्टमेंट की व्यवस्था भी चरमरा गई है।

मानसून से पहले वन-वे ट्रैफिक शुरू करने की थी तैयारी


पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के मिनिस्टर रविंद्र चव्हाण ने मानसून से पहले फ्लाईओवर कम से कम एक वन-वे ट्रैफिक शुरू करने के प्रयास किए थे। लेकिन अभी तक यह सफल होता नजर नहीं आ रहा है। फ्लाई ओवर पर वन-वे ट्रैफिक अभी तक पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है। लेकिन चिपलुन एरिया में पिछले एक महीने में फ्लाईओवर के काम में गति देखी गई है। विशेष तौर पर, फ्लाईओवर के काम में शहर के बहादुरशेख नहर पर काफी तेज स्पीड देखी गई है।

शुरुआत में आई कई समस्याएं

शहर से होकर गुजर रहे 1.85 किमी लंबे फ्लाई ओवर के निर्माण में शुरुआत में कई समस्याएं आई थीं। ब्रिज के 46 पिलर्स लगाने के तुरंत बाद गर्डर खड़ा करने का काम तुरंत शुरू हो गया। बहादुरशेख ब्रिज और वशिष्ठ ब्रिज के बीच गर्डर का काम पूरा भी हो चुका है। इसके बाद सबसे मुख्य नाका के कठिन फेज का काम शुरू किया गया। वशिष्ठी ब्रिज की तरफ फ्लाईओवर का काम शुरू कर दिया गया है। कुल पिलर्स की संख्या 46 है, जिनमें से 6 पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं।

फ्लाईओवर निर्माण का काम रोका गया

सोमवार को पांचवे पिलर के पास जोरदार आवाज हुई। उस समय इसके पास से कई लोग बचकर भागे। ब्रिज के आसपा की दुकानों के लोग और अन्य व्यापारियों ने भी खुद को इस जगह से दूर कर लिया। साइट पर काम कर रहे मजदूर भी यहां से अलग हो गए। इस समय इस ब्रिज पर काम कर रहे मजदूर पूरी तरह से हटा दिए गए हैं। फ्लाई ओवर पर कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया गया है।