नितिन गडकरी ने दिए निर्देश - सभी टोल प्लाजा पर मार्च 2019 से पहले मिलेगी यह सुविधा,

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के सभी टोल प्लाजा पर मार्च 2019 तक शौचालय बनाकर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे सार्वजनिक शौचालय बनवाने का फैसला 18 जनवरी में किया गया था। इसमें टोल प्लाजा के अलावा पेट्रोल पंप, कॉमर्शियल कॉप्लेक्स, रेस्ट एरिया आदि में पुरुषों व महिलाओं के लिए पृथक सार्वजनिक शौचालय बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिरण (एनएचएआई) ने 31 मई 2018 तक 464 शौचालय पुरुषों व 453 शौचालय महिलाओं के लिए बनाकर तैयार कर दिए हैं। जबकि, शेष 175 (पुरुष) व 174 (महिला) शौचालय निर्माणाधीन हैं।

देशभर में लगभग 639 टोल प्लाजा पर पुरुष व महिलाओं के लिए पृथक शौचालय बनाए जा रहे हैं जिनका काम मार्च 2019 तक खत्म हो जायेगा। इनमें एनएचएआई ने महज पांच माह के अंदर 63 फीसदी शौचालय बनाकर तैयार कर दिए हैं और शेष को मार्च 2019 तक बनाने का लक्ष्य रखा है।

एनएचएआई के आरओ मापेंगे गुणवत्ता

- राज्यों में तैनात एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ), मंत्रालय के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि शौचालय इस्तेमाल लायक हो। इसलिए शौचालय में पानी, प्रकाश व्यवस्था व 24 घंटे साफ सफाई चाक-चौबंद होनी चाहिए जिससे सड़क यात्री इसे इस्तेमाल कर सकें।
- उनकी सुविधा के लिए एनएच के किनारे संकेत लगाने अनिवार्य होंगे। पेट्रोल पंपों, एनएच के किनारे कॉमर्शियल कॉप्लेक्स व रेस्ट एरिया आदि में मंत्रालय के तय नक्शे के अनुसार शौचालय बनाए जांएगे।

नए मानक से खामियां होंगी दूर

- कई पेट्रोल पंपों पर शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन वह आकार से काफी छोटे हैं। शौचालय में लाइट व पानी की व्यवस्था नहीं होती हैं। शौचालय में पुरुष व महिला का शौचालय पृथक नहीं होता है। ज्यादातर शौचालय में ताला लगा दिया जाता है, जिससे सड़क यात्री इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं। नए मानक के शौचालय में उक्त समस्याएं नहीं होगी।

राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे भी डेढ़ लाख शौचालय बनेंगे

देशभर में 65 हजार पेट्रोल पंप हैं, इसके अलावा कॉमर्शियल कॉप्लेक्स व रेस्ट एरिया की संख्या अलग है। इस प्रकार सरकार की राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनवाने की योजना है। इससे सड़क यात्रियों विशेषकर महिलाओं, बच्चों, विकलांगों को सुविधा होगी।