भारत सरकार ने सोमवार को चीनी ऐप्स (China Apps) पर डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सरकार ने लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक समेत 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार का कहना है कि इन सभी चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था। इसी वजह से इन्हें बैन करने का फैसला लिया गया। जिन 59 ऐप्स पर सरकार ने पाबंदी लगाई है, उसमें टिक टॉक भी शामिल है।
टिक टॉक न सिर्फ देश बल्कि दुनिया की सबसे पॉपुलर ऐप्स है। दुनियाभर में टिक टॉक के डेढ़ अरब से ज्यादा डाउनलोड हैं। इसमें से एक तिहाई हिस्सा भारतीयों का है। टिक टॉक के लिए चीन के बाद भारत सबसे बड़ा बाजार है।
भारत में इसके 20 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। मोबाइल ऐप इंटेलिजेंस पर काम करने वाली सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टिक टॉक को 61.1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। यानी, जो लोग भी टिक टॉक डाउनलोड कर रहे हैं, उनमें से हर तीन यूजर में से एक भारतीय यूजर है। हालाकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में टिक टॉक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 20 करोड़ के आसपास है। इसका मतलब ये हुआ कि भले ही 61.1 करोड़ बार डाउनलोड हो चुका है, लेकिन इसमें से 20 करोड़ लोग ही ऐसे हैं, जो हर महीने कम से कम एक बार टिक टॉक पर आते हैं।
100 करोड़ रुपए रेवेन्यू हासिल करने था टारगेटडिजिटल इकोनॉमी वेबसाइट एन्ट्रैकर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टिक टॉक को भारत से 23 से 25 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था। वहीं, इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही तक टिक टॉक ने भारत से 100 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल करने का टारगेट रखा था।
टिक टॉक डाउनलोड करने में सबसे पहले नंबर पर भारतटिक टॉक को जितना भारतीयों ने डाउनलोड किया है, उतना तो इसे चीन में भी डाउनलोड नहीं किया गया। दुनियाभर में टिक टॉक के जितने डाउनलोड्स हैं, उसमें से 30.3% डाउनलोड्स अकेले भारत में हैं। चीन में अब तक इस ऐप को करीब 20 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। कुल डाउनलोड का सिर्फ 9.7% जबकि, अमेरिका में इसे 16 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
वॉट्सऐप से आगे निकला टिक टॉक सेंसर टॉवर की रिपोर्ट कहती है कि, 2016 से लेकर 2019 तक गूगल प्ले स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली ऐप्स में वॉट्सऐप का नाम पहले नंबर पर होता था। लेकिन, 2020 की पहली तिमाही में वॉट्सऐप को पीछे छोड़कर टिक टॉक पहले नंबर पर आ गई। इस रिपोर्ट में 2020 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से मार्च के बीच टिक टॉक को दुनियाभर में 31 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया। टिक टॉक को गूगल प्ले स्टोर से करीब 25 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। जबकि, ऐपल के ऐप स्टोर से ये 6.7 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड हुई।
कोरोना वायरस की वजह से बढ़े डाउनलोडशुरू के तीन महीने में इतने ज्यादा डाउनलोड की वजह कोरोना वायरस को बताया जा रहा है। दरअसल, कोरोना मार्च में फैलना शुरू हुआ और उसके बाद ही कई देशों में लॉकडाउन लगा। लेकिन लोगों ने काफी पहले से घरों पर रहने लगे थे। इस रिपोर्ट में जनवरी से मार्च तक के ही आंकड़े हैं। जब दूसरी तिमाही के आंकड़े आएंगे, तो यह पक्का है कि टिक टॉक के डाउनलोड्स और भी बढ़ने की उम्मीद है।
भारत में सबसे ज्यादा किया गया डाउनलोडइस साल जनवरी से लेकर मई तक 5 महीनों में टिक टॉक को 55 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया। इसमें से लगभग 16 करोड़ से ज्यादा यानी करीब 30% डाउनलोड्स अकेले भारत में हुए। जनवरी में टिक टॉक को दुनियाभर में 10.47 करोड़ बार डाउनलोड किया गया, उसमें से 34.4% डाउनलोड्स भारत में हुए थे। उसके बाद फरवरी में 11.3 करोड़, मार्च में 11.5 करोड़, अप्रैल में 10.7 करोड़ और मई में 11.1 करोड़ बार टिक टॉक को डाउनलोड किया गया। पांचों महीने में भारत ही पहला देश था, जहां टिक टॉक के सबसे ज्यादा डाउनलोड्स हुए थे। सेंसर टॉवर पर भारत में टिक टॉक डाउनलोड्स के 10 अप्रैल तक के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी के बीच भारत में टिक टॉक सबसे ज्यादा डाउनलोड की जाने वाली ऐप्स थी।
मार्च में इस तरह बढ़े डाउनलोडइसमें 1 मार्च से 11 मार्च के बीच टिक टॉक को 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया। जबकि, 11 मार्च से 25 मार्च के बीच इसे 1.89 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड दिया गया। वहीं, 25 मार्च से 10 अप्रैल के बीच ये 1.40 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड हुआ। इसी बीच 2 अप्रैल को सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च की थी। अभी इसको साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। लेकिन, 15 अप्रैल तक इसके 5 करोड़ डाउनलोड्स ही थे।
ये हैं टॉप पांच भारतीय टिकटॉक स्टार
नाम - फॉलोअर (करोड़ में)निशा गुरगैन - 2.17
अर्शिफा खान - 2.07
जन्नत जुबैर - 2.03
अवनीत कौर - 1.81
समीक्षा सुड - 1.62