चमकी बुखार से 3 और बच्चों ने दम तोड़ा, 180 पहुंचा आंकड़ा

बिहार में चमकी बुखार यानि एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब तक 180 बच्चों की मौत हो चुकी है। बिहार में चमकी बुखार का कहर 12 जिलों में है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में है। मुजफ्फरपुर में सबसे बड़े एसकेएमसीएच अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित 3 और बच्चों ने दम तोड़ दिया है। इसके साथ ही यहां मरने वाले मौत का आंकड़ा 141 तक पहुंच गया है।

इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विधानसभा में कहा कि बुखार पर विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। सरकार ने बचाव की पूरी कोशिशें की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि चमकी बुखार से मौत की घटना मेरे लिए गंभीर चिंता का कारण है। हमें सोचना होगा कि गरीब परिवार क्यों प्रभावित हुए हैं और हमें गरीब परिवार को गरीबी से बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। मुझे इस बात की भी आशंका है कि इस साल हमें सूखे का सामना करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्षणों के आधार पर ही बच्चों का इलाज किया जा रहा है। मुज़फ़्फ़रपुर के मामले में सरकार ने पूरी गंभीरता से काम किया है और सभी मृतकों के सोशल इकनॉमिक ऑडिट करने का हमने निर्देश दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी बच्चे मरे हैं वो सभी लगभग गरीब परिवारों से आते हैं। बीमारी से भर्ती हुए बच्चों में भी लड़कियों की संख्या ज्यादा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके घर नही हैं उनके घर बनेंगे और इसके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से उनको घर बनाने में मदद मिलेगी। जिनका जमीन नहीं है उन्हें 60 हजार अनुदान जमीन के लिए मिलेगा। जागरूकता पर जोर देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि बीमारी से बचाव के लिए अभी भी जागरूकता की कमी है। मुज़फ़्फ़रपुर में गहनता के साथ जांच की जरूरत है। कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास अभी राशन कार्ड नहीं है।

कांग्रेस और भाकपा का सदन के बाहर प्रदर्शन

वही मॉनूसन सत्र शुरू होने के पहले सोमवार को कांग्रेस और भाकपा (माले) के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य में फैले एईएस से बच्चों की मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शन करने वाले विपक्षी सदस्य अपने हाथों में बड़े-बड़े पोस्टर लेकर यहां पहुंचे थे। आरजेडी की विधान पार्षद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सरकार के चमकी बुखार मामले में असफल होते हुए स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करना चाहिए। प्रदर्शन कर रहे भाकपा (माले) के विधायकों ने कहा कि इंसेफेलाइटिस को लेकर बड़ी बैठक के दौरान बच्चों की मौतों के सवाल से ज्यादा स्वास्थ्य मंत्री क्रिकेट का स्कोर जानने में उत्सुक थे।