पाकिस्तान की नापाक हरकतें लगातार चौथे दिन भी जारी है। पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सैन्य और असैन्य ठिकानों पर लगातार की जा रही गोलीबारी और बमबारी के कारण सीमावर्ती गावों से 70,000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल बंद हैं।
तीसरे दिन पाकिस्तान ने आईबी से लेकर एलओसी पर पुंछ जिले के दिगवार सेक्टर तक गोले दागे गए। आईबी पर सांबा, अरनिया, रामगढ़, आरएस पुरा व हीरानगर सेक्टर में पाक ने भारी गोलाबारी की, जिसमें बीएसएफ के जवान, 70 वर्ष की एक वृद्ध महिला समेत आठ लोग घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थाई शिविरों में शरण ली है, जबकि अधिकांश अन्य अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं। हालांकि मवेशियों और घरों की रखवाली के लिए हर घर में एक पुरुष सदस्य को छोड़ दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी अकारण गोलीबारी और गोलाबारी जारी है। अधिकारी ने बताया कि हालांकि बीएसएफ पाकिस्तान के हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रही है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आर एस पुरा, अरनिया, रामगढ़ और अन्य सेक्टरों से भारी संख्या में ग्रामीणों का पलायन जारी है।
कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकने की भारत सरकार की घोषणा को विफल बनाने के लिए पाकिस्तान लगातार हरकतें कर रहा है। सीमा पार से लगातार गोलीबारी की आड़ में घाटी में बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ कराने की योजना बनाई गई है। खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान सुरंग के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ करा सकता है। बीएसएफ को पूरी तरह से अलर्ट रहने को कहा गया है।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पाक सेना और आईएसआई में भारत सरकार की घोषणा से हलचल है। उनको इस बात का डर है कि ऑपरेशन रोकने के ऐलान से भारतीय सेना और सरकार के प्रति घाटी के लोगों में सहानुभूति हो सकती है। इसी डर से लगातार सीमा पर इस तरह की हरकतें हो रही हैं जिससे भारतीय सेना व सुरक्षा बलों को उकसाया जा सके। सीमा पार आतंकियों की हरकत भी खुफिया एजेंसियों को नजर आई है।
पाकिस्तान की गोलाबारी में मंगलवार को आर एस पुरा और रामगढ़ सेक्टरों में 18 नागरिकों की जान चली गई थी। हमलों में ग्रामीणों के दर्जनों मवेशी भी मारे गए हैं और उनके घरों को भी भारी क्षति पहुंची है।