बीकानेर : पुलिस की मुश्किलें बढ़ा रही इंटरनेट कॉलिंग, अपराधियों को ट्रेस करने में आ रही दिक्कतें

बीकानेर में लगातार अपराधियों द्वारा फिरौती के लिए कई व्यापारियों को फोन किया जा रहा हैं। इसके लिए अपराधी इंटरनेट कॉलिंग की मदद ले रहे हैं जिससे पुलिस की मुश्किलें बढ़ रही हैं। इंटरनेट कॉलिंग में अपराधियों की लोकेशन ट्रेस कर पाना बड़ी चुनौती बन रहा हैं। पिछले दिनाें बीकानेर में लगातार व्यापारियाें काे धमकाकर फिराैती मांगने और फायरिंग करने के कई मामले सामने आए। इनमें सबसे काॅमन बात यह थी कि अपराधियाें ने वर्चुअल काॅलिंग के जरिये व्यापारियाें काे फाेन किया और डरा-धमकाकर रुपए मांगे।

वर्चुअल काॅलिंग में किसी के नाम से सिम लेने की जरूरत नहीं पड़ती। कई एप्लीकेशंस हैं जिनकाे डाउनलाेड कर डाेंगल या ब्राड बेंड से इंटरनेट के जरिये किसी भी दूसरे देश के काेड या अन्य नंबराें से काॅल किया जा सकता है। काॅल करने वाले का नाम-पता या लाेकेशन का पता ही नहीं चलता। एटीएम और बैंक खाते से रुपए निकालने के लिए भी वर्चुअल काॅलिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में अपराधियाें काे ट्रेस करना पुलिस के लिए चुनाैती बन गया है।

इंटरनेट काॅलिंग करने वाले का पता लगाना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल है। इसी कारण ज्यादातर अपराधी आजकल अपराध काे अंजाम देने के लिए इसी का इस्तेमाल करने लगे हैं। पुलिस के साइबर एक्सपर्ट प्रयास करते हैं, लेकिन जिला स्तर पर ऐसी तकनीक नहीं है जिससे पुलिस काे काॅल करने वाले का पता चल जाए। ऐसे मामलाें में पुलिस काे दूसरे तरीकाें से अपराधी तक पहुंचती है।