वर्तमान समय में हर व्यक्ति चाहता है कि वह अपने फ्यूचर के लिए एक धनराशी जमा करके रखें तथा उस राशि के लिए उसको ब्याज भी मिलता रहें। तो इसके लिए व्यक्ति को जरूरत होती हैं अपने पास रखें पैसे को निवश करने की ताकि वह उस पर ब्याज भी पा सकें और मुनाफा भी। वर्तमान समय में निवेश के लिए सबसे ज्यादा म्यूचुअल फण्ड पर निवेश पसंद किया जा रहा हैं क्योंकि इसमें एक छोटी राशि कम समय के लिए भी निवेश कर सकते हैं। अगर आप भी अपना पैसा म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातों को पहले ही जान लेना चाहिए, आइये हाँ बताते हैं आपको वो ध्यान रखने वाली बातें।
* म्यूचुअल फंड चुनाव का पहला कदम : सबसे पहले तो आपको ये तय करना है कि आपके निवेश का मकसद क्या है, आप कितना निवेश कर सकते हैं और कितने समय के लिए इसमें बने रह सकते हैं। अगर आपको साल-दो साल के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए अलग म्यूचुअल फंड होंगे। अगर आपको 5, 7, 10 साल या इससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड होंगे।
* जोखिम लेने की क्षमता तय करना : एक बार जब आपने निवेश की अवधि तय कर ली, फिर आपको ये सवाल खुद से पूछना है कि आप इस निवेश के लिए कितना जोखिम ले सकते हैं। याद रखें कि ज्यादा रिटर्न के लिए ज्यादा जोखिम लेना पड़ता है, लेकिन निवेश में सिर्फ रिटर्न महत्वपूर्ण नहीं होता, कैपिटल प्रोटेक्शन यानी आपकी लगाई गई पूंजी की सुरक्षा भी मायने रखती है।
* फंड का पिछला प्रदर्शन जरूर देखें : वैसे तो इस बात की गारंटी नहीं होती कि अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा परफॉर्म किया है तो आगे भी उसका परफॉर्मेंस वैसा ही रहेगा। लेकिन अलग-अलग फंड्स के पिछले प्रदर्शन से आप एक तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं कि किस फंड के परफॉर्मेंस में एक कंसिस्टेंसी है, और उसके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव बाजार और इकोनॉमी से बहुत अलग तो नहीं हैं। इससे आपको अपनी मनपसंद फंड स्कीम चुनने में मदद मिलेगी, साथ ही आपको अलग-अलग फंड से अब तक मिले औसत रिटर्न का अंदाजा भी लग जाएगा। आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों की इन फंड्स को दी गई रेटिंग भी देख सकते हैं।
* खर्चों पर नजर डालें : किसी भी म्यूचुअल फंड को चुनते वक्त ये जरूर देखें कि उसमें निवेश से जुड़े खर्च क्या हैं, क्योंकि आपका नेट रिटर्न इन खर्चों की वजह से कम हो सकता है। जिन खर्चों को आपको देखना होगा, वो हैं एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो। वैसे तो म्युचुअल फंड स्कीमों में एंट्री लोड नहीं लगता, लेकिन एक तय सीमा के पहले स्कीम से पैसे निकालने पर कई कंपनियां एक्जिट लोड चार्ज करती हैं, जो 3% तक हो सकता है। इसलिए उन स्कीमों में निवेश करें जहां एक्जिट लोड कम हो या नहीं हो।
* फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड भी देखें : जिस म्यूचुअल फंड स्कीम में आप पैसा लगाने जा रहे हैं, उस स्कीम को लाने वाली कंपनी और उसकी देखरेख करने वाले मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी मायने रखता है। देखें कि फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है, उसकी दूसरी स्कीमों का परफॉर्मेंस कैसा रहा है और कंपनी की साख बाजार में कैसी है। साथ ही ये भी पता लगाएं कि आपकी स्कीम के फंड मैनेजर का अनुभव कितना है और वो इस स्कीम को कितने समय से मैनेज कर रहा है।