कोटा : 40 घंटे में पुलिस ने खोला ब्लाइंड मर्डर का राज, पति और बेटे के साथ मिलकर महिला ने की थी पूर्व प्रेमी की हत्या

अक्सर पुलिस के सामने हत्या के ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें किसी पर भी शक नहीं जताया जाता हैं और पुलिस द्वारा बारीकी से छानबीन की जाती हैं। ऐसे ही एक ब्लाइंड मर्डर का राज पुलिस ने 40 घंटे में खिल दिया। मामला कोटा के तुलसी गांव के शंकर भील के ब्लाइंड मर्डर का था जिसमें पुलिस द्वारा भवानीपुरा निवासी महिला धापू, उसके पति व बेटे को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि अवैध संबंधों के शक में शंकर भील की हत्या की गई। ब्लाइंड मर्डर होने के कारण पुलिस को राजफाश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

बरड़ क्षेत्र की खदानों और गांव में पुलिस ने रात-दिन एक कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या के बाद मौके से फरार हुए आरोपियों की तलाश में पुलिस को फर्जी सिम के कारण 40 घंटे लग गए। मृतक पक्ष की ओर से किसी पर कोई शक भी नहीं जताया गया था। ऐसे में पुलिस को आरोपियों पर हाथ डालने से पहले कई तरह के साक्ष्य जुटाने पड़े।

एसडी शिवराज मीणा ने सोमवार शाम पूरी वारदात का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार हत्या की मुख्य आरोपी बरजीबाई उर्फ धापू जब 5 साल की थी, तब उसकी मां नटीबाई की मौत हो गई। मराड़ी गांव में रहनेवाले धापू के पिता रामनाथ ने दूसरी शादी कर ली तो धापू अपनी मौसी के यहां गांव तुलसी आ गई।

धापू की मौसी बिसनीबाई और मौसा धन्नालाल ने धापू की परवरिश कर बचपन में ही बालिता गांव में शादी कर दी, लेकिन धापू वहां नहीं गई। मृतक शंकर भील और बरजी उर्फ धापू (36) एक ही गांव में रहने के कारण परिचित थे। 12 साल पूर्व धापू को बरड़ के भवानीपुरा गांव में बिरदीलाल भील के नाते बिठा दिया गया।

बिरदीलाल भील की पहली पत्नी 4 बच्चों को छोड़कर मर गई थी। शंकर भील के भवानीपुरा गांव आने-जाने को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा था। धापू के पति बिरदीलाल को धापू और मृतक के बीच अवैध संबंधों का शक था। तीनों आरोपी निश्चिंत थे कि पुलिस उनको किसी भी हाल में नहीं पकड़ सकती, क्योंकि वारदात में काम आए मोबाइल और व्यक्तियों के नाम गुम थे। मृतक का खड़ीपुर गांव में भी आना-जाना सामने आने पर सीआई महेशसिंह ने कई भील परिवारों में तहकीकात की।