बालिका दिवस पर मौत को मात देकर जन्मी प्रियंका, परिजनों ने डॉक्टर के नाम पर किया नामकरण

राजस्थान के मेड़ता के प्राइवेट अस्पताल में एक सीरियस मेडिकल कंडीशन देखने को मिली जहां बालिका दिवस पर एक बच्ची मौत को मात देकर जन्मी। यहां नवजात के गले में गर्भनाल ऐसा फंसा की उसकी जान पर बन आई। समय रहते जांच में डॉक्टर को यह बात पता चल गई। फौरन महिला का ऑपरेशन किया गया और नवजात को निकाला गया। मां-बेटी दोनों अब स्वस्थ हैं। डॉक्टर के इस प्रयास को देखते हुए परिजनों ने बच्ची का नामकरण डॉक्टर के नाम पर ही कर दिया गया।

ऑपरेशन करने वाली डॉ. प्रियंका सोनगरा ने बताया कि इस तरह की कंडीशन बहुत कम देखने की मिलती है। इसे मेडिकल टर्म में 'कार्डराउंड नेक' कहते हैं। परिवार ने समय पर ऑपरेशन का डिसीजन ले लिया, जिससे बच्ची की जान बच गई। डॉक्टर ने कहा कि समय से जानकारी नहीं मिलती तो बच्ची की जान का सकती थी। ऐसे कई केस में जान का खतरा होता है।

बीकानेर निवासी पारथिया (23) गर्भवती थी। इन दिनों वह अपने पीहर मेड़ता के धांधलास में रह रही थी। सोमवार को उसके परिजन मेड़ता के प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉ. प्रियंका सोनगरा ने सोनोग्राफी की। अंदर का सीन देखकर डॉक्टर के होश उड़ गए। गर्भनाल बच्ची के गले में लिपटी हुई थी। डॉक्टर ने बताया कि इस स्थिति में रेफर किया तो बच्ची की जान को खतरा हो सकता है। शाम करीब छह बजे उन्होंने पारथिया की डिलीवरी कराई। ऑपरेशन करीब एक घंटे चला। परिजनों ने डॉक्टर का एहसान माना। उन्होंने खुशी में बच्ची का नाम डॉ. प्रियंका के नाम पर रखा। पारथिया के पति प्रदीप सिंह मध्य प्रदेश के पन्ना में इंजीनियर हैं।