भीलवाड़ा : जमकर उड़ाई गई कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां, दड़ा खेलने के लिए पहुंचें हजारों लोग, आयोजकों पर लगा 10 हजार का जुर्माना

बीते दिन देशभर में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया गया। भीलवाड़ा में यह दिन बेहद रोमांचक तरीके से मनाया जाता हैं जहां दड़ा खेला जाता हैं। शुक्रवार को इस खेल में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। खेल के दौरान हजारों लोगों की भीड़ जुटी और कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। एक चौक में इतने लोग थे कि पैर रखने की जगह तक नहीं थी। लोग एक-दूसरे से सटकर चल रहे थे। भीड़ में किसी ने मास्क तक नहीं पहना था। यह सब हुआ फूलियाकलां के धनोप गांव में मकर संक्रांति पर। इसपर कारवाई करते हुए अधिकारियों ने आयोजकों पर 10 हजार का जुर्माना लागाया हैं।

दरअसल, रियासत काल से दड़ा महोत्सव आयोजन की परंपरा चली आ रही है। मकर संक्रांति को महोत्सव में करीब 14 किलो वजनी दड़ा (गेंद) को ग्रामीण रस्सी से बांधकर खींचते हैं। इस खेल से ग्रामीण पूरे वर्ष के मौसम का अनुमान लगाते हैं। ग्रामीणों द्वारा पटेलों की मौजूदगी में दड़ा को गढ़ से निकालकर चौक में लाया जाता गया। करीब दो घंटे तक लगातार लोग इस खेल का आनंद उठाते रहे। अंत में पटेलों ने इस साल अकाल पड़ने की बात कही। हजारों की भीड़ के साथ हुए आयोजन की सूचना जब अधिकारियों को मिली तो गांव पहुंचे। पता चला इसके लिए परमिशन भी नहीं ले रखी थी। इतनी भीड़ देख खुद अधिकारी भी चौंक गए। आयोजकों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।

35 साल बाद दड़ा फकीर मोहल्ले में पहुंचा

इस खेल का शुभारंभ गांव ठाकुर सत्येंद्र सिंह ने की। दो टीमों ने इन दड़े को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की। अंत में दड़ा समय पूरा होने पर फकीर मोहल्ले में गया। जहां पटेलों ने खेल समाप्ति की घोषणा की। दड़ा फकीर मोहल्ले की तरफ जाने से परिणाम अकाल का माना गया। ग्रामीणों ने बताया कि 35 वर्ष बाद दड़ा फकीर मोहल्ले में पहुंचा। गत वर्ष खेल में दड़ा हवाला की तरफ गया था। जिससे सुकाल के संकेत मिले।