अजमेर : बिजली विभाग की लापरवाही बनी छात्र की मौत का कारण, आया हाइटेंशन लाइन की चपेट में

अक्सर गांवों में देखा जाता हैं कि बिजली विभाग की लापरवाही के चलते घर की छतों के ऊपर से ही बिजली के तार गुजर रहे होते हैं जिसकी वजह से हादसों का डर हमेशा बना रहता हैं। इसी लापरवाही के कारण तालाब का बाड़िया बड़लिया गांव के एक छात्र की जान चली गई। 13 वर्षीय एक स्कूली छात्र दिनेश हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। मकान मालिक ने 15 दिन पहले डिस्काॅम के मदार कार्यालय पर हाइटेंशन लाइन शिफ्टिंग के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन विभाग ने इसे अनदेखा कर दिया। गांव में मातम पसरा है। ग्रामीणाें का कहना है कि यह बिजली विभाग की लापरवाही है। घटना के बाद विभाग नींद से जागा है। अब डिमांड जारी कर हाइटेंशन लाइन की शिफ्टिंग की कवायद शुरू हुई है।

पुलिस के मुताबिक दिनेश सिंह पुत्र हरिसिंह रावत की 2 दिनों पहले हाइटेंशन लाइन से माैत हाे गई थी। जांच में सामने आया कि वाे बकरियां चराने गया था, लाैटते समय बकरियां पड़ाेस के एक मकान की छत पर चढ़ गईं। दिनेश जैसे ही छत की ओर गया, हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गया।

मकान मालिक कालूराम का कहना है कि उसने 8 फरवरी काे मदार कार्यालय में हाइटेंशन लाइन शिफ्टिंग के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर संबंधित अफसराें द्वारा काेई कार्रवाई नहीं की गई। हादसे के बाद अफसराें ने सुध ली और तुरंत डिमांड नाेट जारी कर दिया। करीब 3000 रुपए डिमांड की राशि जमा करवा दी गई। डिस्काॅम द्वारा हाइटेंशन लाइन शिफ्ट करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

सहायक अभियंता मनीष दत्ता का कहना हैं कि हादसे के बाद ग्रामीण एकजुट हाेकर कार्यालय आए थे। मामला जानकारी में आने के बाद त्वरित एस्टीमेट बनवाकर डिमांड नाेट जारी किया गया। 8 फरवरी काे दिए प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई क्याें नहीं हुई, इस बारे में जांच करवाई जा रही है।