अलवर : कोरोना को हरा रहा यही जज्बा, 1000 फीट पहाड़ चढ़कर मेडिकल टीम ने ग्रामीणों को लगाई वैक्सीन

कोरोना का दौर जारी हैं जिसका प्रसार शहरों सहित गांव में भी व्यापक रूप से हो रहा हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन होना जरूरी हैं। लेकिन देखा जा रहा हैं कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को वैक्सीन को लेकर कई भ्रम हैं जिसके चलते वे इसे लगवाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में अलवर में टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट सरिस्का के कोर एरिया में सबसे ऊंची पहाड़ी पर बसे क्रास्का गांव में मेडिकल टीम का जज्बा देखने को मिला जो 1000 फीट पहाड़ चढ़कर ग्रामीणों को वैक्सीन लगाने पहुचे। गांव क्रास्का पहुंचने पर पहले तो ग्रामीण वैक्सीन के लिए आनाकानी करते रहे, लेकिन सरपंच को देखने के बाद वैक्सीन लगवाने को तैयार हो गए। इसे ग्रामीणों के साथ ही जंगल की शान टाइगर सहित अन्य वन्यजीवों को भी संक्रमण से दूर रखा जा सकेगा।

सरपंच पेमाराम के साथ मेडिकल टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने कहा कि खुद सरपंच पहाड़ चढ़कर आए हैं तो हम भी इस महामारी को मात देने के लिए वैक्सीन लगवाएंगे। हालांकि, इस गांव में कोरोना का एक भी केस सामने नहीं आया है। इस कारण ग्रामीणों को लगता है कि उनके यहां संक्रमण का डर नहीं है। इस कारण अब तक वैक्सीन भी नहीं लगवाई थी।

सरिस्का के जंगल व पहाड़ के बीचोंबीच से क्रास्का गांव का रास्ता जाता है। जो ग्राम पंचायत माधोगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर है। वहां मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है। कोई भी बीमार होता है तो सबको पहाड़ व जंगलों से नीचे आना पड़ता है। यहां के ग्रामीण पूरी तरह पशुपालन पर निर्भर हैं। जंगल में उनके पशु चरते हैं। जिसके दूध से उनकी आजीविका चलती है। इस गांव में करीब 100 से 150 लोग रहते हैं। यहां 60 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। गांव में वैक्सीनेशन इसलिए भी जरूरी था क्योंकि इस गांव के आसपास टाइगर और अन्य जीव का मूवमेंट रहता है। ऐसे में गांव के किसी व्यक्ति को कोरोना होने पर जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।