पलायन की वजह दिल्ली में बैठी हुकूमत थी, कश्मीरी पंडितों के लिए मेरा दिल आज तक रो रहा है: फारुक अब्दुल्ला

कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनी फिल्म The Kashmir Files इस समय पूरे देश में चर्चा में बनी हुई है। फिल्म जहां एक तरफ बॉक्स ऑफिस पर कमाई कर रही है वहीं, दूसरी तरफ फिल्म को लेकर विवाद भी चल रहा है। इस विवाद के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारुक अब्दुल्ला का बयान सामने आया है। फारुक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के पलायन की वजह, तब दिल्ली में बैठी सरकार थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे इस पलायन के जिम्मेदार निकलते हैं तो जहां चाहे उन्हें फांसी चढ़ा देना। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह वक्त (जब कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ा) बहुत खराब वक्त था। उस वक्त कश्मीरी पंडितों पर जो मुसीबतें आईं उसके लिए मेरा दिल आजतक रो रहा है। कोई कश्मीरी ऐसा नहीं है जो उनके लिए रो नहीं रहा है। सब चाहते हैं कि उनकी घर (कश्मीर) वापसी हो। तब ही कश्मीर पूरा होगा।

फारुक अब्दुल्ला ने आज तक को दिए इंटरव्यू में कहा कि ये फिल्म दिल जोड़ नहीं रही, तोड़ रही है। इस आग को हम बुझाएंगे नहीं तो ये सारे देश को शोले की तरह जला देगी। मैं वजीरे आजम से कहूंगा कि मेहरबानी करके ऐसी चीजें न करें, जिससे मुल्क में ऐसी सूरत बन जाए जैसी हिटलर के जमाने में जर्मनी की बनी थी। कश्मीरियों का दिल जोड़े बगैर अमन मुश्किल है।

अपने ऊपर लग रहे आरोपों को फारूक अब्दुल्ला ने गलत बताया। वह बोले कि उस वक्त वहां मुखिया जगमोहन (जम्मू कश्मीर के राज्यपाल) थे। वह अब नहीं रहे लेकिन कश्मीरी पंडितों को उन्होंने निकलवाया। उनके घर पर उन्होंने गाड़ियां भेजीं, पुलिसवालों को इन लोगों को गाड़ियों में बैठाने को उन्होंने कहा था। वह बोले कि करीब 800 खानदान (कश्मीरी पंडितों के) अभी भी कश्मीर में शांति से रह रहे हैं। किसी ने उनको हाथ नहीं लगाया, किसी ने उनको नहीं मारा।

फारूक ने कहा कि ए.एस दुल्ल्त (उस वक्त के रॉ प्रमुख), आरिफ मोहम्मद खान, मोहसर रजा (उस वक्त से चीफ सेक्रेटरी) से पूछा जाए कि कश्मीरी पंडितों के जाने के लिए कौन जिम्मेदार है, अगर ये लोग कहेंगे कि फारूक जिम्मेदार है तो मुझे जहां चाहें फांसी दे दें।

लेकिन पहले कमीशन बने, जो देखेगा कि कौन सही है और कौन गलत। वह देखेगा कि किसने चिति सिंह पोहरा किया, किसने कुपवाड़ा में हमारी बहनों का रेप किया। किसने मस्जिद से निकल रहे लोगों पर गोलियां चलाईं।

अब्दुल्ला से आखिर में पूछा गया कि कश्मीरी लोगों का दिल जीतने के लिए सरकार को क्या करना होगा। इसपर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में परिसीमन हो, राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। वह बोले कि यह देश का ताज है इसको फिर से चमकाया जाए।

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हिंदू मुसलमान का रिश्ता ठीक करने की कोशिश करनी होगी। इसके बाद ठीक से, ईमानदारी से चुनाव कराना होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनों से छेड़छाड़ होती है, फौज से वोट डलवाए जाते हैं जो बंद करने होंगे।

इंटरव्यू के आखिर में फारुक ने घाटी में हिंदू सीएम बनाए जाने पर कहा- अगर हिंदू सीएम ईमानदारी से चुनकर आता है तो कोई कश्मीरी उंगली नहीं उठाएगा, अगर बेईमानी से आएगा तो हम कुबूल नहीं करेंगे।