कोरोना के खौफ से मुर्गी कारोबार को लगा करोड़ो का फटका

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से मुर्गी कारोबार को करोड़ो रुपए का फटका लगा है। मुर्गों की बिकवाली में 8 गुणा जबकि दाम में 5 गुणा तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस समय हरियाणा में करीब 10 हजार मुर्गी फार्म हैं, जिनमें सालाना 10 करोड़ से अधिक मुर्गी पालन का कारोबार होता है। पंजाब व हरियाण जैसे राज्यों में काफी मात्रा में नॉन वेज खाया जाता है, जिनमें चिकन मुख्य रूप से शामिल है। हर साल करोड़ों की संख्या में मुर्गी पालन का धंधा होता है। कोरोना का असर मीट इंडस्ट्री पर साफ नजर आया है। इसके चलते 80 रुपए (थोक) किलोग्राम बिकने वाले बॉयलर (मुर्गें) के रेट 20 रुपए प्रति किलोग्राम हो गए हैं।

पोल्ट्री फार्म के मालिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के खौफ की वजह से रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है। पहले बायलर से 85 रुपये के करीब बिक रहा था, लेकिन अब 20 से 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। छोटे दुकानदारों का कहना है की मार्किट में डिमांड नहीं है इसलिए पुराना माल अभी तक पड़ा है। माल खराब न हो इसके चलते सस्ते भाव में बेचना पड़ रहा है। पिछले करीब एक महीने से हमें नुकसान झेलना पड़ रहा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो पोल्ट्री फार्मिंग खत्म हो जाएगी। पोल्ट्री फार्मिंग के काम करने वाली लेबर को भी आने वाले दिनों में समस्या हो सकती है।

ऐसे में पोल्ट्री फार्म के मालिकों का लोगों को कहना है कि चिकन खाने से कोई नुकसान नहीं होने वाला है। पोल्ट्री हाउस में काम करने वाले मजदूरों का कहना है की हम रोज़ाना इन्ही मुर्गो के बीच में रहते है हमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ तो आम लोगों को क्या होगा। उनका कहना है की इसी काम से वो अपने परिवार का पालन पोषण करते है। अगर ऐसा काम रहा तो हम बर्बाद हो जायेंगे।