अलवर : सरिस्का के जंगल में जानवरों के बीच 16 दिन तक पेड़ से लटका रहा शिक्षक का शव

अलवर के नारायणपुर क्षेत्र के कोलाहेड़ी बावड़ी की ढाणी निवासी एक शिक्षक कई दिनों से लापता था जिसकी सैकड़ों किलोमीटर तक तलाश की गई और उसका शव सरिस्का के जंगल में पेड़ से लटका मिला जो कि जानवरों के बीच 16 दिन तक रहा। रविवार को बकरी चराने वाली बंजारा समाज की महिलाओं ने शव देखा। इसके बाद ग्रामीणों ने शव की पहचान की। शव की पहचान लापता अध्यापक हंसराज पायला पुत्र रामनाथ गुर्जर निवासी कोलाहेडा तन बावड़ी की ढाणी के रूप में हुई। पुलिस ने मृतक के परिजनो की मौजूदगी में शव को पेड़ से उतार कर नारायणपुर सीएचसी लेकर आए जहाँ पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम व पंचनामा कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मृतक हंसराज पायला 2018 में तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर भर्ती हुआ था। जिसके दो बेटे है। पुलिस प्रथम दृष्ट्या आत्महत्या मान रही है। फिर भी जांच जारी है।

रविवार को लापता अध्यापक हंसराज पायला का शव सरिस्का बाघ परियोजना की तालवृक्ष रेंज के घने जंगल में बिलायती कीकर के पेड़ में प्लास्टिक की रस्सी से लटका हुआ मिला। करीब 16 दिन पुराना शव होने से मृतक के शव से बदबू आ रही थी। पुलिस को उसके शव के पास लाल, काले रंग का खाली बैंग भी मिला है। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत कोलाहेडा तन बावड़ी की ढाणी निवासी हंसराज पायला पुत्र रामनाथ गुर्जर तृतीय श्रेणी अध्यापक था जो सिरोही जिले में कार्यरत था।

दीपावली की छुट्टियों में हंसराज घर आया हुआ था। 30 अक्टूबर को सुबह 6 बजे घर पर मोबाइल, पर्स आदि घर छोड़कर परिजनों को भर्तृहरि धाम जाने की कहकर निकला था। फिर उसके बाद घर नहीं लौटा। परिजनों ने 31 अक्टूबर को नारायणपुर थाने में गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। रविवार दोपहर को जंगल में बकरी चरा रही बंजारा समाज की महिलाओं ने मृतक का शव पेड़ से लटका हुआ देखा तो ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर थानागाजी सीओ सुरेन्द्र सिंह व थानाधिकारी अजय सिंह पहुंचे।