कर्नाटक: सफल रहा किसानों द्वारा बुलाया गया बंद, धारा 144 लागू

बेंगलुरू। तमिलनाडु के साथ कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक के किसानों ने मंगलवार को राजधानी बेंगलुरु में 12 घंटे का बंद बुलाया। स्कूल-कॉलेज नहीं खुले। होटल और रेस्त्रां भी बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडु से आने वाली बसों को भी रोक दिया।

दरअसल, 13 सितंबर को कावेरी वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी (CWMA) ने एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया कि कर्नाटक अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को कावेरी नदी से 5 हजार क्यूसेक पानी दे। कर्नाटक के किसान संगठन, कन्नड़ संस्थाएं और विपक्षी पार्टियां इसी फैसले का विरोध कर रही हैं।

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी से जुड़ा यह विवाद 140 साल पुराना है।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से कहा- 5 मांगें पूरी करें


शांताकुमार ने दावा किया कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए बुलाया गया बंद सफल रहा। समिति ने सरकार को फैसला लेने के लिए तीन दिन का समय दिया है। ऐसा न होने पर संगठन ने विरोध तेज करने की चेतावनी दी है। कर्नाटक सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने फ्रीडम पार्क में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और 5 मांगों वाला ज्ञापन लिया।

इन मांगों में तमिलनाडु को पानी न देना, संकट काल में आकलन करने चुनाव आयोग जैसी संस्था बनाने, मेकेदातु परियोजना लागू करने और किसानों-समर्थकों के खिलाफ मामले वापस लिया जाना शामिल है।

CM सिद्धारमैया बोले- विपक्ष राजनीति कर रहा है

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कावेरी जल विवाद को लेकर विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) पर राजनीति करने का आरोप लगाया। मैसूरु में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि कोई भी बंद बुलाया जा सकता है, हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, लेकिन हम उन्हें परेशान नहीं करेंगे, उन्हें बंद बुलाने दीजिए।

वहीं, कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों ने 12500 क्यूसेक पानी मांगा है। फिलहाल हम 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने की स्थिति में भी नहीं है।

बेंगलुरु में धारा 144 लागू

बंद के दौरान तमिलनाडु-कर्नाटक बॉर्डर पर बड़ी तादाद में पुलिस तैनात की गई है। बेंगलुरु में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए धारा 144 लागू की गई है। यानी 4 से ज्यादा लोग एक साथ एक जगह पर इकट्ठा नहीं हो पाएंगे।