
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार देश को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब अपने नागरिकों—खासकर महिलाओं—की अस्मिता और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा और मुंहतोड़ जवाब देने से नहीं हिचकिचाएगा। प्रधानमंत्री का यह संदेश उस दर्दनाक पहलगाम हमले के बाद आया है, जिसने पूरे देश को भीतर तक झकझोर दिया था।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब आतंकी और उनके आका यह अच्छी तरह जान चुके हैं कि जब कोई भारत की बेटियों के सिंदूर को मिटाने की कोशिश करता है, तो उसकी कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत के न्याय की भावना और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया। उनके अनुसार यह कार्रवाई एक नई रणनीतिक सोच और निर्णायक नीति का नतीजा थी, जो आतंक के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है।
सेना को दी गई खुली छूटप्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए बताया कि आतंकियों ने वहां एक महिला को धर्म पूछकर उसके पति के सामने बेरहमी से मार डाला। यह हमला न केवल उस परिवार पर, बल्कि पूरे भारत की सांप्रदायिक एकता और गरिमा पर हमला था। इस घटना के बाद पूरे देश में भारी आक्रोश पनपा और सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में सेना को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट देने की मांग की। जनभावनाओं और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति के बल पर सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को हरी झंडी दी।
बहावलपुर और मुरीदके को बनाया गया निशानाप्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर बहावलपुर और मुरीदके जैसे कुख्यात आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। उनके अनुसार, इस अभियान में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जो खुलेआम पाकिस्तान की सरज़मीं पर घूम रहे थे। भारत की इस रणनीतिक कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उनके मंसूबों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर का संदेश?प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की ताकत, संवेदना और संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे भारत की बेटियों के सम्मान के लिए लड़ी गई एक निर्णायक लड़ाई करार दिया। साथ ही यह भी कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने जो साहस दिखाया, वह देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित है। उनका यह संबोधन न केवल पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पहले से कहीं अधिक स्पष्ट, आक्रामक और रणनीतिक रवैया अपना रहा है।