आतंकवादी हमला: रियासी मामले में पुलिस ने की पहली गिरफ्तारी, आतंकवादियों को कराई थी रसद उपलब्ध

जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को रियासी आतंकवादी हमला मामले में पहली गिरफ्तारी की। रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने कहा, रियासी आतंकी हमले में एक व्यक्ति को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। वह मास्टरमाइंड नहीं है, लेकिन उसने हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पुलिस के अनुसार, राजौरी निवासी आरोपी हाकिम दीन पर हमले के लिए आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने का संदेह है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी हकीम दीन राजौरी का रहने वाला है और उस पर हमले के लिए आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने का आरोप है। 9 जून को शिव खोड़ी से रियासी जिले के कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की बस पर पौनी इलाके के तेरयाथ गांव में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई थी और 33 अन्य घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने जंगलों के पीछे छिपकर बस पर कायराना हमला किया था, जिससे ड्राइवर घबरा गया और बस से नियंत्रण हट गया। आतंकियों की फायरिंग के बीच बस खाई में जा गिरी थी।

17 जून को गृह मंत्रालय ने आतंकी हमले का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया था। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया था, जिन्होंने सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों को जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ कश्मीर घाटी में हासिल की गई सफलताओं को दोहराने का निर्देश दिया था। पिछले हफ्ते, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल आतंकी का स्केच भी जारी किया था और उसकी जानकारी देने पर 20 लाख रुपये के इनाम का भी ऐलान किया गया था। पुलिस ने बताया था कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ही आतंकी का स्केच तैयार किया गया।

इस भीषण हमले में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मृतकों में राजस्थान के चार मूल निवासी हैं, जिनमें एक दो वर्षीय लड़का भी शामिल है, और तीन उत्तर प्रदेश के हैं। हमले में बस के ड्राइवर और कंडक्टर की भी मौत हो गई।
यह दूसरी बार था जब आतंकवादियों ने पिछले तीन दशकों में जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया। इससे पहले, जुलाई 2017 में कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें सात तीर्थयात्री मारे गए थे और 19 अन्य घायल हो गए थे।