हैदराबाद। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति को बड़ा झटका देते हुए चेवेल्ला से इसके विधायक काले यादैया शुक्रवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कांग्रेस के हवाले से बताया कि यादैया दिल्ली में मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी, तेलंगाना में पार्टी मामलों की एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए।
पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से यदैया बीआरएस के छठे विधायक हैं जो कांग्रेस में शामिल हुए हैं। यदैया ने 23 जून को जगतियाल विधायक संजय कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी बदली है। इससे पहले बीआरएस विधायक पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी, कदियम श्रीहरि, दानम नागेंद्र और तेलम वेंकट राव कांग्रेस में शामिल हुए थे।
बीआरएस विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी ने अतीत में भी इसी तरह के दलबदल देखे हैं, जब कांग्रेस सत्ता में थी और उसे अंततः झुकना पड़ा। हालांकि, रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए बीआरएस पर सत्ता में रहते हुए दलबदल को बढ़ावा देने के लिए हमला किया।
रामा राव ने 'एक्स' पर कहा, हमने अतीत में 2004-06 में विधायकों के कई दलबदल का सामना किया है, जब कांग्रेस सरकार में थी। तेलंगाना ने लोगों के आंदोलन को आगे बढ़ाकर इसका कड़ा जवाब दिया और अंततः कांग्रेस को अपना सिर झुकाना पड़ा। इतिहास खुद को दोहराएगा।
पिछले साल हुए चुनावों में बीआरएस ने कुल 119 विधानसभा सीटों में से 39 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस 64 सीटों के साथ सत्ता में आई थी। हालांकि, सिकंदराबाद कैंटोनमेंट से बीआरएस विधायक जी लास्या नंदिता की इस साल की
शुरुआत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। कांग्रेस ने हाल ही में सिकंदराबाद कैंटोनमेंट सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। इससे कांग्रेस की ताकत बढ़कर 65 हो गई।