देश भले ही कोविड-19 जैसी महामारी से त्रस्त हो, लेकिन ऐसे समय में भी राजनीति कम नहीं हो रही। जहां जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों को संकट की घड़ी में एक होकर समस्या का समाधान खोजना था, वहीं वे आरोप-प्रत्यारोप से बाज नहीं आ रहे हैं। बिहार में तो हमेशा ही सियासी गर्मी रहती है, तो भला आज ऐसा कैसे नहीं होता।
दरअसल बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव पटना के मेदांता अस्पताल पहुंचे और उन्होंने कोरोनावायरस से बचाव के लिए स्पुतनिक टीका लगवाया। दोनों भाइयों के पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव भी मौजूद थे। वैक्सीनेशन के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी ने कहा कि सभी टीके कोरोना से लड़ने में कारगर है, लेकिन हमने स्पूतनिक टीका लगवाया है।
‘जिन्हें बयानबाजी करनी है, करते रहें’
एनडीए के टीका को
लेकर सवाल उठाए जाते रहने के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि जिन्हें बयानबाजी
करनी है, करते रहें। मैंने मंगलवार को हुई राजद के जिलाध्यक्षों के साथ
बैठक में सभी से कोरोना महामारी में लोगों को मदद करने और टीका लगवाने की
अपील की थी। तेजस्वी के वैक्सीन लगवाने पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड
(जेडीयू) नेता नीरज कुमार ने तंज कसा। नीरज ने कहा कि टीकाकरण को काल्पनिक
बताने वाले तेजस्वी ने भी टीका लगवा लिया है। हालांकि स्वदेशी उपलब्ध है,
लेकिन उन्होंने विदेशी टीका लगवाया। यह उनकी मर्जी! तेजस्वी राजनीतिक
टीकाकरण में व्यस्त थे। देर से ही सही लेकिन उन्होंने विदेशी टीका लिया। यह
उनकी फितरत है।
जल्द शुरू होने वाला है मानसून सत्र इसलिए…
बिहार
विधानसभा का मानसून सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है। विधानसभा अध्यक्ष
विजय कुमार सिन्हा ने पिछले दिनों कहा था कि सभी विधायक वैक्सीन लगवाकर ही
सदन पहुंचे। शुरू में सिन्हा के इस निर्णय पर राजद नेताओं ने आपत्ति जताई
थी, लेकिन यादव बंधुओं के टीका लगवाने के बाद लग रहा है कि वे इस बात से
सहमत हो गए हैं। पूर्व में तेजस्वी ने कहा था कि वे तब तक वैक्सीन नहीं
लेंगे जब तक 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता। बिहार के पूर्व
उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए
कहा था कि लालू परिवार गरीबों को टीका लेने से रोकने के दुष्प्रचार की
बड़ी साजिश का हिस्सा है।