तमिलनाडु : कोरोना महामारी के बाद आर्थिक तंगी से टूटा परिवार, मां-बाप ने 4 बच्चों को 62,000 में बेचा

तमिलनाडु में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना महामारी के बाद आर्थिक तंगी का सामना कर रहे एक माता-पिता ने अपने 4 बच्चों को महज 62,000 रुपए में बेच दिया। कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन और कमाई का साधन खत्म होने परिवार को पालन में दिक्कतें आ रही थी इसलिए मजबूरी में इन माता-पिता को यह कदम उठाना पड़ा। हालांकि एनजीओ की मदद से इन सभी बच्चों को छुड़ा लिया गया है। इन बच्चों की उम्र 9, 8, 6 और 9 साल है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह दंपति एक चारकोल यूनिट में काम करता था, जिन्होंने शुरुआत में अपने दो बड़े बेटों को 50,000 रुपए में एक बकरी चराने वाले व्यक्ति को बेच दिया।

दो बड़े बेटों को बेचने के बाद, गोविंदराजन नाम के व्यक्ति ने एक बार फिर से इस दंपति से संपर्क किया और 2 छोटे बच्चों को 6-6 हजार में खरीदने की पेशकश की। इस व्यक्ति ने बच्चों के माता-पिता से वादा किया कि वह बच्चों से मेहनत का काम नहीं कराएगा। वहीं दूसरी ओर गोविंदराजन नाम का यह शख्स पहले से उन 2 बच्चों को प्रताड़ित करता था।

बहरहाल एक NGO की मदद से इन 4 बच्चों को छुड़ा लिया गया है। एनजीओ से जुड़े एक सदस्य ने कहा कि, बच्चों को खरीदने वाला आरोपी व्यक्ति मासूमों के साथ मौखिक और शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करता था। इस व्यक्ति के चंगुल से छुड़ाए गए एक बच्चे ने कहा कि, जिस दिन सभी बच्चों को एनजीओ ने उसकी कैद से मुक्त कराया, उस रोज वह बहुत गुस्से में था। क्योंकि उसके झुंड में से एक बकरी गायब हो गई थी। वहीं एक और बच्चे ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि, हम रोजाना कम से कम 10 किलोमीटर तक पशुओं को चराते थे। सुबह काम के लिए जल्दी उठना पड़ता था और शाम तक काम करना पड़ता था। इसके अलावा हर 3-4 महीने में हमें एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता था।

पूरा मामला सामने आने के बाद थनाजवुर के रेवेन्यू डिवीजन ऑफिसर ने कहा कि वे गोविंदराजन के खिलाफ बच्चों से कथित तौर पर बाल श्रम कराए जाने की जांच कराएंगे।