छवि सुधारने में लगा तालिबान, कहा - महिलाओं को बनाएंगे सरकार का हिस्सा

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद चारों तरफ दहशत का माहौल बना हुआ है। लोगों में तालिबान को लेकर इतनी दहशत कि बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। कई लोग दुबके पड़े हैं ऐसे में काम काज ठप्प पड़े हुए है। ऐसी स्तिथि तालिबानियों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। अब तालिबानी अधिकारी यहां के सरकारी कर्मचारी से काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं।

मंगलवार को तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में सभी सरकारी कर्मचारियों को काम पर लौटने का फरमान सुनाया है। तालिबान ने सभी सरकारी कर्मचारियों को ‘आम माफी’ देने का ऐलान किया। तालिबान ने बयान में कहा, 'सभी के लिए आम माफी का ऐलान किया जा रहा है…ऐसे में आप अपनी रूटीन लाइफ पूरे विश्‍वास के साथ शुरू कर सकते हैं।' तालिबान ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं हैं। आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। सभी काम पर लौट आएं, किसी को कुछ नहीं कहा जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं को भी सरकार का हिस्सा बनने को कहा है।

अफगान स्टेट टीवी को दिए एक साक्षात्कार में तालिबान अधिकारी ने यह भी कहा कि हम महिलाओं को शिकार नहीं बनाना चाहते बल्कि सरकार में रहने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के युवा भी आगे आएं, हम उन्हें काम करने की पूरी आजादी देंगे। उन्होंने महिलाओं को सुरक्षा का भी भरोसा दिलाया है।

एक अधिकारी ने बताया कि काबुल में समावेशी सरकार बनाने पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में कभी देश की वार्ता परिषद की अध्यक्षता करने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई शामिल हैं। वहीं चल रही वार्ता का मकसद सरकार में गैर तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना है।

काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी तबाही, तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू कर इसे इस्लामिक अमीरात बनाना चाहता है। औरतों की बंदिशें और कत्ले आम वाला दौर फिर लौट आया है। तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। लड़कियों के पढ़ने-लिखे, स्कूल-कॉलेज जाने और महिलाओं के दफ्तर जाने पर रोक लगा दी है। बिना पुरुष के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। औरतों का बुर्का पहनना जरूरी कर दिया गया है। तालिबान का फरमान नहीं मानने पर कड़ी सजा भी दी जा रही है।