दो भारतीय नागरिकों की जानकारी देगा स्विस बैंक, कालेधन पर भारत को बड़ी सफलता

भारत को अपने यहां टैक्स चुराकर स्विस बैंक में कालेधन के तौर पर छिपाने वालों पर शिकंजा कसने की कवायद में बड़ी सफलता हाथ लगी है। स्विटजरलैंड के सबसे बड़ी अदालत ने टैक्स चोरी के मामले में स्विस बैंक के दो भारतीय ग्राहकों के खातों का ब्योरा भारत को देने का एलान किया है। भारत ने इस मामले में जांच के लिए बैंक खातों का ब्योरा और अन्य संबंधित जानकारियां मांगी थीं।

गुरुवार को स्विटजरलैंड के फेडरल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भारत को वह जानकारी दी जानी चाहिए जो उसने स्विस बैंक के भारतीय ग्राहकों के संबंध में मांगी है। अदालत ने कहा कि भारत ने इस बारे में कभी कोई बयान नहीं दिया कि यह डाटा कानूनी तरीके से मिला या किसी और देश से या फिर सीधे व्हिसिल ब्लोअर हर्वे फैलसियानी से मिला है।

दरअसल एक फ्रांसीसी नागरिक हर्व फाल्कियानी ने व्हिसल ब्लॉअर के तौर पर कुछ जानकारियां लीक की थीं। फाल्कियानी एचएसबीसी के स्विस निजी बैंक में कार्यरत था और वर्ष 2008 में उसने बैंक के हजारों उपभोक्ताओं का ब्योरा लीक कर दिया था, जिन पर उसे अपने खातों का प्रयोग टैक्स चोरी के लिए करने का शक था।

इस सूचना के लीक होते ही कई देशों में जांच शुरू हो गई थी और स्विस बैंकिंग की गोपनीयता भी सुर्खियों में आ गई थी। स्विस कोर्ट ने फाल्कियानी को औद्योगिक जासूसी के लिए उसकी अनुपस्थिति में ही सुनवाई करते हुए 5 साल कैद की सजा सुना दी थी। लेकिन तब स्विटजरलैंड से बाहर रहने के कारण वह गिरफ्तारी से बच गए। उनके बैंक खातों की जानकारी लीक होने के बाद स्विस अदालतों को अन्य देशों के कर चोरी करने वाले अपराधियों की पहचान और पूरी जानकारी के लिए स्विटजरलैंड की सरकार से मदद मांगने की शुरुआत कर दी है।