सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आधार संख्या की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाने के बाद आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र और संपत्ति दस्तावेजों को जोड़ने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। ऐसी लंबित याचिकाओं में आधार को मतदाता पहचान पत्र और जायदाद की रजिस्ट्री से जोड़े जाने की मांग है।
अधिवक्ता व भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की याचिका में चुनाव आयोग के लिए ऐसे निर्देश की मांग की गई है जिसमें चुनाव की मतदान व्यवस्था आधार से जोड़ दी जाए जिससे चुनावों में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित हो और जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 17-18 को देखते हुए फर्जी और नकली वोटों को रोका जा सके।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, आधार के कानूनी स्वरूप पर फैसला देने के बाद इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। इसी प्रकार से अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री को आधार से जोड़े जाने की मांग वाली याचिका में तर्क दिया गया है कि इससे बेनामी संपत्ति रखने वालों को बड़ा झटका लगेगा। 12 डिजिट वाली खास पहचान संख्या वाले आधार पर मौजूदा समय में सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अन्य याचिका में चल संपत्ति को भी आधार से जोड़े जाने की मांग की गई है। इससे काले धन के इस्तेमाल के रास्तों को बंद करने में मदद मिलेगी।