सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के कंस्ट्रक्शन को दी मंजूरी

नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन के निर्माण को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की पर्यावरण मंजूरी सही तरीके से दी गई थी। साथ ही कहा कि कंस्ट्रक्शन शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी भी ली जाए। जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सुबह 10:30 ये फैसला सुनाया। अब तक कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगा रखा था।

दरअसल, केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को कई याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इन याचिकाओं में कहा गया कि बिना उचित कानून पारित किए इस परियोजना को शुरू किया गया। इसके लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की प्रक्रिया में भी कमियां हैं। हजारों करोड़ रुपये की यह योजना सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है। संसद और उसके आसपास की ऐतिहासिक इमारतों को इस परियोजना से नुकसान पहुंचने की आशंका है। हालांकि, अदालत ने इनमें से कुछ दलीलों को खारिज करते हुए कुछ शर्तों के साथ सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी दे दी है।

सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था। हालांकि पिछले साल सात दिसंबर को केंद्र सरकार के अनुरोध पर कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की भूमि पूजन की अनुमति दे दी थी। केंद्र सरकार ने इसके लिए कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह लंबित याचिकाओं पर फैसला आने तक कोई भी कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम नहीं करेगा। इसके बाद 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।

आपको बता दे, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद परिसर का निर्माण 13 एकड़ जमीन पर किया जाना है। इसमें 876 सीट वाली लोकसभा, 400 सीट वाली राज्यसभा और 1224 सीट वाला सेंट्रल हॉल बनाया जाएगा। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा। सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक पुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा। इसका निर्माण 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अगस्त, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें केंद्रीय सचिवालय का निर्माण वर्ष 2024 तक करने की योजना है।