सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश, प्रधानमंत्री के पास नहीं है टाइम तो कर दें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यस्तता से अटके पड़े गाजियाबाद को हरियाणा के पलवल से जोड़ने वाले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को तय समय पर खोलने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री से उद्घाटन के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है और इस साल एक जून तक एक्सप्रेस-वे को खोल दें।

सुप्रीम कोर्ट ने इस रूट से जाने वाले लोगों की परेशानी को देखते हुए आदेश दिया है कि 31 मई तक पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर दें। इसके बाद पीएम ईस्टर्न पेरिफेरल का उद्घाटन करें ना करें 1 जून से इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से साफ है कि इस एक्सप्रेसवे पर 1 जून से हर हाल में वाहन फर्रांटा भरने लगेंगे, चाहे उद्घाटन हो या ना हो।

शीर्ष अदालत ने कहा कि 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 20 अप्रैल तक उद्घाटन किये जाने की सूचना दी गयी थी लेकिन इसे अभी तक जनता के लिये नहीं खोला जाना आश्चर्यजनक है। यह एक्सप्रेस-वे गाजियाबाद , फरीदाबाद , गौतम बुद्ध नगर ( ग्रेटर नोएडा ) और पलवल को जोड़ेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वकील ने न्यायालय को बताया कि एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री को करना था लेकिन उनके पूर्व कार्यक्रमों की वजह से ऐसा नहीं हो सका।

शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर 2006 में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस – वे के निर्माण की योजना बनायी गयी थी ताकि वे वाहन राजधानी में प्रवेश नहीं करें जिनका गंतव्य दिल्ली नहीं है। हरियाणा सरकर के वकील ने पीठ को बताया कि 135 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का 81 प्रतिशत निर्माण हो चुका है और इसके निर्माण से जुड़ी निजी कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि यह काम 30 जून तक पूरा हो जायेगा।

यह एक्सप्रेस-वे मानेसर के रास्ते कुण्डली और पलवल को जोड़ेगा। इसका निर्माण कार्य अगले साल फरवरी तक पूरा होने का लक्ष्य था लेकिन यह समय से पहले ही जून में पूरा हो जायेगा। शीर्ष अदालत ने 2005 में केन्द्र से कहा था कि दिल्ली के चारों ओर जुलाई 2016 तक एक नये एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाये ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों की भीड़ कम की जा सके।