सनी देओल के बंगले की नीलामी का नोटिस वापस; 24 घंटे में बैंक ने फैसला बदला

मुम्बई। बैंक ऑफ बड़ौदा ने रविवार को बॉलीवुड एक्टर और BJP सांसद सनी देओल के जुहू स्थित सनी विला अटैच करने पब्लिक नोटिस जारी किया था। लेकिन सोमवार को बैंक ने इस पर खंडन जारी किया है। बैंक ने कहा है कि 19 अगस्त को इश्यू किए नोटिस को तकनीकी कारणों से वापस लिया जा रहा है।

20 अगस्त को मुंबई के टाइम्स ऑफ इंडिया पेपर में पब्लिश किए गए रिकवरी नोटिस के मुताबिक, सनी ने 56 करोड़ रुपए लोन लिया था, जिसे नहीं भरा गया। लोन न चुका पाने की स्थिति में 25 सितंबर को बंगले की नीलामी की तारीख भी जारी की गई थी। इसमें सनी के गांरटर के तौर पर पिता धर्मेंद्र का भी नाम है।

गौरतलब है कि 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, सनी के पास 87 करोड़ रुपए की संपत्ति है और 53 करोड़ रुपए की देनदारी है। उनकी फिल्म गदर-2 ने 9 दिन में 336 करोड़ रुपए कमाए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 70 से 80 करोड़ में बनी ये फिल्म अब 400 करोड़ क्लब में शामिल होने वाली है।

शनिवार 19 अगस्त को जारी किया था नोटिस

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) सनी के मुंबई में जुहू स्थित बंगले को नीलाम करने वाला है। बैंक ने इस बारे में सनी को नोटिस जारी कर दिया है।

सनी ने बैंक को करीब 56 करोड़ रुपए का बकाया नही चुकाया है। बैंक ने शनिवार (19 अगस्त) को एक न्यूज पेपर में नोटिस भी दिया है। बकाया लोन नहीं चुकाने की सूरत में 25 सितंबर को जुहू स्थित विला की नीलामी की जाएगी। नोटिस में दी गई जानकारी के अनुसार लोन अजय सिंह देओल के नाम पर लिया गया है और वही गारंटर भी हैं। आपको बता दें कि सनी का असली नाम अजय है। बैंक का कहना है कि तय अवधि तक सनी ने लोन की रकम नहीं चुकाई।

नियमों के हिसाब से अगर किसी लोन मूल रकम और ब्याज को तय तारीख के 90 दिनों तक नहीं चुकाया जाता है तो इस लोन को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की कैटेगरी में डाल दिया जाता है। बैंक इस लोन के नहीं चुकाए जाने की वजह से होने वाले नुकसान की रिकवरी कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सनी ने साल 2016 में ये लोन एक फिल्म फाईनेंस करने के लिए लिया था। ये लोन दिसंबर 2022 से ही NPA कैटेगरी में है।