जोधपुर : कोरोना कहर के बीच इस तरह कराए जाएंगे स्कूल लैब में प्रायोगिक कार्य

कोरोना का कहर जारी हैं और इस बीच स्कूल अभी तक नहीं खोले गए हैं। हांलाकि कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अभिभावकों की सहमति से स्कूल जाना तय किया गया था, लेकिन प्रेक्टिकल विषय के प्रयोग विद्यार्थी अब तक लैब में नहीं कर सके हैं। ऐसे में बड़ी परेशानी है कि स्टूडेंट्स किस तरह प्रायोगिक परीक्षा के लिए तैयार हो पाएंगे।

कक्षा 11वीं व 12वीं में पढ़ने वाले जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूगोल, चित्रकला व संगीत आदि के विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक परीक्षा अनिवार्य होने से परीक्षा का डर सता रहा है। इसलिए अब बच्चों को सप्ताह में एक दिन लैब में प्रायोगिक कार्य करने का अवसर दिया जाएगा। संस्था प्रधान किसी भी एक समय प्रयोगशाला की क्षमता से आधे से कम विद्यार्थियों को बुलाकर प्रायोगिक कार्य करवाएंगे। इसमें कोविड गाइड लाइन की पूर्ण पालना करनी होगी।

दो घंटे में स्टूडेंट को करवाने होंगे दस प्रेक्टिकल

स्टूडेंट्स को प्रायोगिक कार्य करवाने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। संस्था प्रधान को तय करना होगा कि विषय निर्धारित पाठ्यक्रम में से दस प्रयोग करवाए जाए। विद्यार्थी इनकी एक पुस्तिका बनाएंगे। ये चयनित दस प्रायोगिक कार्य के आधार पर ही अंतिम प्रायोगिक परीक्षा में आधे अंक (उदाहरण : 50 अंक की परीक्षा होने पर 25 अंक) दिए जाएंगे।

इंटर्नल असेसमेंट के मिलेंगे 20 अंक

कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को इस बार आंतरिक मूल्यांकन के अंक परख के आधार पर नहीं देकर गृहकार्य के आधार पर दिए जाएंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को गृह कार्य करना होगा और अध्यापकों को उसकी जांच। इस बार क्रमोन्नति का आधार वार्षिक/बोर्ड परीक्षा रहेगी। वार्षिक/बोर्ड परीक्षा में 80 अंक लिखित परीक्षा के व 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। आंतरिक मूल्यांकन के लिए विद्यार्थी को गृह कार्य पुस्तिका जमा करानी होगी।

इस तरह मिलेगा होमवर्क

कक्षा 9वीं से 12वीं तक के अभिभावकों की सहमति से जिज्ञासाओं का समाधान कराने आने वाले विद्यार्थियों को अब एक सप्ताह का गृह कार्य दिया जाएगा। अध्यापक हर सप्ताह इसकी जांच भी करेंगे। विद्यार्थी व अध्यापक गृह कार्य संशोधित कोर्स के आधार पर ही देंगे और इसी आधार पर वार्षिक व बोर्ड परीक्षा करवाई जाएगी।