मुंबई । भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में भारी उठापटक के बाद गिरावट के साथ बंद हुआ है। दिनभर बाजार कभी लाल तो कभी हरे निशान में कारोबार करता नजर आया है। लेकिन बाजार बंद होने से पहले बिकवाली लौटने के चलते गिरावट के साथ क्लोज हुआ है। बीएसई सेंसेक्स 582 अंकों की गिरावट के साथ 78,886 अंकों पर बंद हुआ है तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 180 अंकों की गिरावट के साथ 24,117 पर बंद हुआ है। बाजार को नीचे ले जाने में आईटी और एनर्जी स्टॉक्स का हाथ रहा है।
बाजार में गिरने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 1,768 शेयर हरे निशान में और 2,137 शेयर लाल निशान में और 105 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं। गुरुवार को आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति कमेटी के फैसले का ऐलान किया गया, जिसमें ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 192 अंक या 0.34 प्रतिशत गिरकर 56,681 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 76 अंक या 0.41 प्रतिशत गिरकर 18,307 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 37.70 अंक या 0.08 प्रतिशत बढ़कर 50,156 पर बंद हुआ।
आईटी, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, एनर्जी और इन्फ्रा सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। वहीं, फिन सर्विस, फार्मा, मीडिया और प्राइवेट बैंक में तेजी थी। सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईटीसी, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स रहे। एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, जेएसडब्ल्यू स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, एलएंडटी और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स थे।
आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स में मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा का कहना है कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, खाद्य महंगाई अभी भी एक चिंता का विषय बनी हुई है। वहीं, मौद्रिक नीति की अच्छी बात यह है कि चालू वित्त वर्ष के जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। बाजार के हिसाब से यह एक न्यूट्रल मौद्रिक नीति है।
मार्केट कैप में गिरावटशेयर बाजार में बिकवाली के चलते मार्केट कैप में गिरावट आई है। बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन 445.77 लाख करोड़ रुपये पर क्लोज हुआ है जो इसके पहले सेशन में 448.57 लाख करोड़ रुपये रहा था। यानि आज के सत्र में निवेशकों को 1.80 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।