उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उनकी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी करती है तो वह राज्य में पिछले एक साल में हुए एन्काउंटर्स की जांच कराएंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश जघन्य अपराधों का राज्य बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री की तोड़ देने और ठोंक देने जैसी भाषा से लोकतंत्र लांछित हुआ है और समाज में तनाव है।
अखिलेश यादव ने इस बात पर शोक जताया कि कुछ खास जाति के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "जब एक मुख्यमंत्री कहता है कि गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा तो इससे पुलिस खुश हो जाती है। यह एक राज्य की पॉलिसी नहीं होनी चाहिए। पुलिसकर्मियों में सिस्टम का खौफ खत्म हो रहा है। उन्हें लगता है कि फेक एन्काउंटर करने के बाद भी उन्हें समर्थन मिलेगा। लूट के मामलों में बढ़ोतरी बेरोजगारी दिखाती है"।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के दावे के बावजूद अपराधी न तो प्रदेश से बाहर गए हैं और न ही जेल में शांत होकर बैठे हैं। पुलिस एनकाउंटर के नाम पर निर्दोषों को मारकर अपराध नियंत्रण की आड़ में विशेष समुदाय से बदला चुकता कर रही है। राजधानी लखनऊ में भी अपराध थम नहीं रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब अखबारों में पूरा एक पेज अपराध की घटनाओं से भरा नहीं होता है
अखिलेश यादव ने कहा, ”यह पिछले 15 सालों में कभी नहीं हुआ। पिछली बीजेपी सरकार में भी कुछ खास जातियों को निशाना नहीं बनाया गया था। वर्तमान मुख्यमंत्री गलत सोच रहे हैं कि एन्काउंटर्स के जरिए अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है। लूट और डकैती में बढ़ोतरी बेरोजगारी को दर्शाती है”।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश को अपने कारनामों से दुनिया भर में बदनाम कर दिया है। राज्य की भाजपा सरकार वस्तुत: अपराध नियंत्रण में रुचि ही नहीं रखती क्योंकि उसके ही तमाम सांसद, विधायक और मंत्री आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। यदि एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था सुधरती तो अपराधों में वृद्धि क्यों हो रही है? यौन हिंसा के आंकड़े भयावह हैं।
इससे पहले अखिलेश यादव ने 14 अप्रैल को कठुआ और उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर भाजपा की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इन दोनों मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई कर मिसाल पेश करने की मांग की थी। अखिलेश ने कहा था कि देश के तमाम हिस्सों में दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। जहां-जहां भजपा की सरकार है, वहां अपराध और ज्यादा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक साल के दौरान हुए अपराध का आंकड़ा भी पेश किया था।