डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 83 प्रतिशत कारगर हैं रूस की स्पूतनिक-वी कोरोना वैक्सीन

कोरोना का दौर जारी हैं जिसने पूरी दुनिया में अपना कहर बरपाया हैं। इस कहर से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन होना बहुत जरूरी हैं। लेकिन कोरोना के विभिन्न वैरिएंट मिलने के बाद वैक्सीन के प्रभाव पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इस बीच बुधवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरास्खो ने बताया कि पहले की तुलना में टीके के असर में कमी दर्ज की गई है। रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक-वी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 83 फीसदी कारगर है। इससे पहले गमाल्या रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जून में कहा था कि टीका डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 90 फीसदी कारगर है।

रूस, भारत समेत अन्य देशों में स्पूतनिक-वी कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। गमाल्या रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने बुधवार को कहा स्पूतनिक-वी टीका पूरी तरह सुरक्षित है और सभी वैरिएंट के खिलाफ असरदार है।

नोवोसिब्रिस्क स्टैंड यूनिवर्सिटी लेबोरेटरी के प्रमुख और रसायन एकेडमी ऑफ साइंसेज ने प्रो। सेरेजी नेतोसोव का कहना है कि वायरल वेक्टर और एमआरएनए जिसमें स्पूतनिक-वी वैक्सीन भी शामिल है। वो डेल्टा वैरिएंट से बचाने में 90 फीसदी कारगर है। अमेरिका और ब्रिटेन के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रोफेसर ने बताया था कि स्पूतनिक-वी समेत सभी एमआरएनए और वेक्टर वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट से बचाने में सक्षम है। उन्होंने कहा था कि इसका प्रभाव जरूर थोड़ा कम हुआ है। लेकिन सुरक्षा कवच मुहैया कराने में सक्षम है।