एकमात्र उद्देश्य...राजनीतिक लाभ, राजधानी में जल संकट के बीच दिल्ली एलजी ने आप सरकार की आलोचना की

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसके मंत्री जल संकट को पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ने के ‘अवसर’ में बदल रहे हैं।

एएनआई के अनुसार एक बयान में सक्सेना ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में जीएनसीटीडी के मंत्रियों का तीखा भाषण विभिन्न स्तरों पर चिंताजनक और संदिग्ध रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल आपूर्ति एक चुनौती बन गई है। दिल्ली के राजनीतिक नेताओं ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के एकमात्र उद्देश्य से पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ने के लिए संकट को अवसर में बदल दिया है।”

सक्सेना ने कहा कि राजधानी पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा से पेयजल आपूर्ति पर निर्भर है। उन्होंने कहा, अंतरराज्यीय जल-बंटवारे की व्यवस्था भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा बनाए गए संस्थागत तंत्रों के माध्यम से तय की जाती है, जिसे देश की सर्वोच्च अदालत ने बार-बार बरकरार रखा है।

राज्यों को इस ढांचे के तहत हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार पानी छोड़ना अनिवार्य है। साथ ही, शहर की सरकार को यह सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है कि इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए ताकि समान आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

एलजी के बयान में कहा गया है, राज्यों को इस ढांचे के तहत हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार पानी छोड़ना होगा। साथ ही, शहर की सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए ताकि पूरे शहर में समान आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

दिल्ली के उपराज्यपाल का यह बयान राजधानी में गंभीर जल संकट को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकारों के बीच चल रही तीखी बयानबाजी के बीच आया है।

दिल्ली की जल संसाधन मंत्री आतिशी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं और उनका आरोप है कि हरियाणा सरकार आवश्यक मात्रा में पानी की आपूर्ति करने के लिए सहमत नहीं है।

आतिशी ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो में कहा, आज मेरे अनशन का दूसरा दिन है। दिल्ली में पानी की भारी कमी है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पानी मिलता है। दिल्ली को कुल 1005 एमजीडी पानी मिलता है जो दिल्ली के घरों में सप्लाई किया जाता है। इसमें से 613 एमजीडी पानी हरियाणा से आता है लेकिन पिछले कई हफ्तों से वह केवल 513 एमजीडी ही छोड़ रहा है।

उन्होंने कहा, इस वजह से दिल्ली में 28 लाख से ज़्यादा लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। मैंने हरसंभव कोशिश की, लेकिन जब हरियाणा सरकार पानी देने के लिए तैयार नहीं हुई, तो मेरे पास अनशन पर बैठने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।