दिल्ली सरकार ने घरेलू उपयोग में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए निर्णय लिया गया है कि उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने में किसी भी तरह के खर्च का वहन नहीं करना होगा ये खर्च सोलर पैनल लगाने वाली कंपनी ही उठाएगी। सरकार ने पिछले साल देश भर में 50 हजार युवाओं को फ्री में ट्रेनिंग देकर उन्हें ‘सूर्य मित्र’ बनाने का टारगेट रखा था, इसमें से लगभग 18 हजार सूर्य मित्र बन चुके हैं। मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) ने सूर्य मित्र की ट्रेनिंग दिलवाती है। आप नौकरी के साथ-साथ इस बिज़नेस में शामिल होकर कमाई कर सकते हैं। ट्रेनिंग लेने के बाद युवा अपना सोलर बिजनेस शुरू कर सकते हैं।सरकार का सोलर चैनल पार्टनर भी बन सकते हैं। युवाओं को सोलर सिस्टम के मेंटेनेंस, ऑपरेशन और इंस्टॉलेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी। देश में सोलर प्लांट लगा रही व पैनल मैनयुफैक्चरिंग कर रही देशी विदेशी कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। अगर आप भी सोलर सेक्टर में जॉब और बिजनेस की संभावनाएं तलाश रहे हैं, तो आपके लिए यह अच्छा मौका हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सोलर बिज़नेस शुरू कर कमाई कर सकते हैं।
क्या है सूर्य मित्र प्रोग्रामसोलर सेक्टर में स्किल्ड वर्क फोर्स उपलब्ध कराने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी की स्पोंसरशिप के तहत सूर्य मित्र स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) ने यह प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसके लिए एनआईएसई द्वारा हर साल देश भर मेंं ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को अधिकृत किया जाता है, जो इस पूरे कोर्स की ट्रेनिंग देते हैं।
इसके लिए योग्यताअगर आप दसवीं पास हैं और इलेक्ट्रिशियन, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक, फिटर, शीट मैटल में आईटीआई किया हुआ है। आपकी उम्र 18 साल से अधिक हो तो आप एनआईएसई द्वारा अधिकृत सेंटर में आवेदन कर सकते हैं। ट्रेनी के सेलेक्शन के वक्त उन युवाओं को प्रमुखता दी जाएगी, जो रूरल बेकग्राउंड से हों, बेरोजगार हो, महिलाएं हों या एससी-एसटी से संबंधित हों। इस प्रोग्राम की खासियत यह है कि इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को अयोग्य मानते हुए प्रवेश नहीं दिया जाता।
कितने दिन का होता है प्रोग्रामयह पूरी तरह से फ्री रेजीडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जहां रहना और खाना भी फ्री होगा। यह 600 घंटे का ट्रेनिंग प्रोग्राम है। ट्रेनिंग के बाद आवेदकों का मूल्यांकन भी किया जाएगा। अंत में एनआईएसई की ओर से सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।