लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे हजारे ने 2011 में 12 दिन तक भूख हड़ताल की थी। उनके अनशन को समूचे देश में व्यापक जन-समर्थन मिला था। इसके चलते संप्रग सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सप्ताह के शुरू में लोकपाल के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति पर केंद्र के जवाब पर असंतोष जताया था। छह माह में किसानों की मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद भी केंद्र और प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज किसान अब अन्ना हजारे के नेतृत्व में 2 अक्तूबर से आंदोलन करेंगे। आंदोलन की तैयारी को लेकर जय जवान जय किसान मोर्चा ने 18 अगस्त को महापंचायत बुलाई है।
महापंचायत में एनसीआर के अलग अलग क्षेत्रों के किसान संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। हजारे ने कहा कि मैं महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के अपने गांव रालेगण सिद्धि में दो अक्तूबर, महात्मा गांधी की जयंती से भूख हड़ताल करूंगा।
जय जवान जय किसान मोर्चा के संयोजक सुनील फौजी ने कहा कि किसानों की जमीनों व फसलों के उचित मूल्य, रोजगार समेत लोकपाल कानून लागू किए जाने एवं संविधान के अनुरूप चुनाव सुधार, पुलिस सुधार किए जाने को लेकर 23 मार्च को अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू हुआ था।
जिसमें किसानों ने भी सात दिनों तक अनशन में शामिल होकर मांगों को पूरा कराने की बात की थी। किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए छह माह का समय दिया था। लेकिन छह माह बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया गया। उन्हीं मांगों को लेकर 2 अक्तूबर से फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
किसानों को नए अधिग्रहण कानून का लाभ देने, किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा का भुगतान करने, आबादी के मामलों का निस्तारण कराने, रोजगार दिलाने, गांवों का विकास कराने की मांग की जाती रही है।
आंदोलन को लेकर 18 अगस्त को महापंचायत बुलाई जाएगी। महापंचायत में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, फरीदाबाद, बागपत, सोनीपत, दिल्ली के विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा।
इस मौके पर सूबेदार बलवीर सिंह, रविंद्र लड़पुरा, श्यामी नंबरदार, आरडी शर्मा, जय किशन नागरर, गजेंद्रर फौजी, सत्यप्रकाश, चंद्रपाल, नरेंद्र भाटी समेत किसान नेता मौजूद रहे।