SHOCKING !! यात्रियों की इस एक गंदी आदत ने इंडियन रेलवे को लगाई पिछले 3 सालों में 4000 करोड़ का चपत

इंडियन रेलवे को तौलिया व अन्‍य सामान चोरी होने की वजह से पिछले 3 सालों में तक़रीबन 4000 करोड़ का चपत लगी है। पश्चिम रेलवे का कहना है कि उसके 200 टॉयलेट मग, एक हजार नल टैप और 300 से ज्‍यादा फ्लश पाइप हर साल चोरी हो जाते हैं, जबकि मध्‍य रेलवे में छह माह में 79 हजार से अधिक तौलिए, 27 हजार चादरें, 21 हजार 50 तकिया कवर, 2 हजार 150 तकिया और 2 हजार 65 कंबल चुराए गए। पिछले साल यात्रियों ने 1.95 लाख तौलिए चुरा लिये थे। यही नहीं विभिन्‍न ट्रेनों से 81 हजार 736 चादरें, 55 हजार 573 तकिया कवर, 5 हजार 38 तकिया और 7 हजार 43 कंबल भी चोरी हो गए। अनुमान के मुताबिक 3 साल में रेलवे को इस चोरी से करीब 4 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

रेलवे बंद कर चुका है अब तौलिया देने की सुविधा

हालांकि रेलवे बोर्ड ने कुछ माह पहले एक आदेश जारी किया था जिसके मुताबिक एसी डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों को जो फेस टॉवेल दिए जाते हैं उनकी जगह पर अब सस्ते, छोटे और एक बार इस्तेमाल योग्य नेपकिन दिए जाएंगे। इसी क्रम में कुछ महीने पहले रेलवे बोर्ड ने एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों को नायलॉन के कंबल उपलब्ध कराने का सभी जोनों को आदेश दिया था और अब कॉटन के बिना बुनाई वाले फेस टॉवल देने को कहा है।

जून में सभी जोन को पत्र भेजकर लगी थी रोक

फिलहाल फेस टॉवेल पर जो खर्च आता है वह प्रति टॉवेल 3.53 रुपए है। सभी रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों को 26 जून को भेजे गए पत्र में बोर्ड ने कहा था कि नए नेपकिन पर खर्च कम आएगा क्योंकि उन्हें थोक में खरीदा जा सकता है और वह आकार में भी छोटे होंगे। एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों के टिकट में बेडरोल की कीमत शामिल होगी।