एकनाथ शिंदे बने शिवसेना विधायक दल के नेता, राज्यपाल से मिलेंगे आदित्य ठाकरे

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर चल रहे मंथन के बीच आज यानि गुरुवार को शिवसेना विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में एकनाथ शिंदे को विधानसभा में विधायक दल का नेता चुना गया है। उनके नाम का प्रस्ताव पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने रखा। खुद ठाकरे का नाम भी इस पद के लिये चर्चा में था। पार्टी ने इसके अलावा सुनील प्रभु को विधानसभा में चीफ व्हिप चुना है। पार्टी दफ्तर सेना भवन में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में शिंदे के नाम की घोषणा की गई। बता दें कि बुधवार को ही भारतीय जनता पार्टी की बैठक हुई थी, जिसमें देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना गया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रमुख और आदित्य के पिता उद्धव ठाकरे अपने बेटे को शिवसेना विधायक दल का प्रमुख बनाए जाने के इच्छुक नहीं थे। वहीं आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, दिवाकर राउते और सुभाष देसाई राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से आज शाम 3:30 बजे मुलाकात करेंगे। पार्टी की ओर से कहा गया है कि वे सूखे के मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। बता दें कि एकनाथ शिंदे इससे पहले भी पार्टी विधायक दल के नेता थे साथ ही फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। ये ठाणे के कोपरी-पंचपखाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से फिर विधायक चुने गए हैं। बता दें कि एकनाथ शिंदे इस विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार 2004, 2009 और 2014 में शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। विधायक चुने जाने से पहले एकनाथ शिंदे ठाणे महानगर पालिका में दो बार के कार्यकाल तक नगर सेवक रहे। इसके अलावा तीन साल तक पॉवरफुल स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य रहे।

शिवसेना विधायक दल की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने यहां बताया कि बीजेपी से अभी किसी मसले पर बात नहीं हुई है। अगर 50-50 फॉर्मूले पर मुख्यमंत्री सच बोल रहे हैं, तो क्या मैं झूठ बोल रहा हूं? विधायकों को उद्धव ने नसीहत भी दी कि अगर कोई नेता पार्टी बदलता है, तो जनता उसे पसंद नहीं करती है।

CM पद पर जारी है खींचतान

वहीं बैठक से पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा के प्रति उनकी पार्टी के रुख में नरमी की खबरों को अफवाह बताया है। राउत ने कहा है कि शिवसेना के इस रुख में नरमी के लेकर मीडिया के एक वर्ग में आईं खबरें अफवाह हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना के रुख में नरमी आई है, उसने समझौता कर लिया है और सत्ता में पदों के वितरण में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग त्याग दी है। यह सब अफवाह है। यह जनता है जो सब कुछ जानती है। (भाजपा और शिवसेना के बीच) जो कुछ भी तय हुआ था वह होगा।

उन्होंने शिवसेना में संभावित फूट की खबरों को भी निराधार बताया। राउत ने कहा कि जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि शिवसेना के 23 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं तो वे शायद आदित्य ठाकरे का नाम लेना भूल गए होंगे।।। और वे केवल 23 विधायकों का नाम ही क्यों ले रहे हैं, पूरे 56 विधायकों के नाम क्यों नहीं ले रहे।

विधायक दल की बैठक से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं, लेकिन हमारे दोस्त अपने वादों से पीछे हट गए हैं। चुनाव से पहले 50-50 फॉर्मूले पर बात हुई थी, इसे देवेंद्र फडणवीस ने भी कबूला है।’