दिल्ली की एक अदालत ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में उनके पति एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर की अग्रिम जमानत आज मंजूर कर ली। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने शशि थरूर को एक लाख रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने थरूर को साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और उसकी अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ने के निर्देश दिए। तिरूवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को इस मामले में सात जुलाई को आरोपी के तौर पर पहले ही तलब किया जा चुका है।
बुधवार की सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता के विदेश भाग जाने का संदेह व्यक्त करते हुये थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश होते हुए कहा कि चूंकि थरूर एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्हें अब एक आरोपी के रूप में तलब किया गया है, वह जांच को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने कहा, ''वह प्राय: विदेश जाते रहते हैं और वह बाहर ही बस सकते हैं। नारायण सिंह एवं बजरंगी सहित कुछ प्रमुख गवाह अभी तक थरूर के साथ काम कर रहे हैं तथा वह उन्हें प्रभावित कर सकते हैं। थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अभिवक्ता कपिल सिब्बल एवं अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि पुलिस ने पहले जो कहा था, अब वह उससे ठीक विपरीत बात कर रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि आरोपपत्र पेश होने से पहले थरूर को गिरफ्तार नहीं किया गया, उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी जानी चाहिए।
अदालत ने पांच जून को थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था और माना था कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का पर्याप्त आधार है। गौरतलब है कि सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। थरूर पर आईपीसी की धारा 498ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं। हालांकि थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दिल्ली पुलिस ने 14 मई को दायर अपने आरोप पत्र में थरूर पर सुंनदा को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है और कहा है कि अदालत को मामले में उन्हें एक आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए। पुलिस ने उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने का दावा किया। करीब 3000 पन्नों के आरोपपत्र में पुलिस ने थरूर को एकमात्र आरोपी बताया और कहा कि वह अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते थे।